क्या कनाडा चुनाव से जुड़ा है हिंदुओं पर हमला, ट्रूडो को हो सकता है नुकसान, विहिप ने दी चेतावनी
कनाडा में रह रहे कुछ हिंदू परिवारों का कहना है कि ट्रूडो सरकार का यह दांव उल्टा पड़ सकता है। भारत में हुए किसान आंदोलन के दौरान भी ट्रूडो ने प्रो-खालिस्तानी रुख अपनाकर इन्हीं वर्गों की सहानुभूति पाने की कोशिश की थी।
नई दिल्ली (आरएनआई) कनाडा में लगातार दूसरे दिन भी हिंदू मंदिरों पर हमला हुआ है। दूसरे दिन भी कथित तौर पर खालिस्तान समर्थकों ने एक हिंदू मंदिर पर हमला किया और मंदिर में उपस्थित कुछ हिंदुओं को इस हमले में चोट भी आई है। चोट खाए हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि दूसरे दिन हुए हमले के दौरान मंदिर परिसर और इसके आसपास पुलिस मौजूद थी। लेकिन उसके बाद भी उन पर हमले किए गए। इन लोगों का आरोप है कि ट्रूडो सरकार की हिंदू मामलों पर ढिलाई के कारण पुलिस ने उन्हें पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी, जिसके कारण उन्हें लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जस्टिन ट्रूडो ने इस हमले की निंदा की है और कनाडा में रहने वाले हर नागरिक को अपना धर्म स्वतंत्र और बिना किसी बाधा के पालन करने के लिए इस हमले को सीधे तौर पर ट्रूडो सरकार द्वारा आगामी कनाडा चुनाव में खालिस्तानी समर्थकों के वोट लेने की षडयंत्रकारी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। लेकिन कनाडा में रह रहे कुछ हिंदू परिवारों का कहना है कि ट्रूडो सरकार का यह दांव उल्टा पड़ सकता है। भारत में हुए किसान आंदोलन के दौरान भी ट्रूडो ने प्रो-खालिस्तानी रुख अपनाकर इन्हीं वर्गों की सहानुभूति पाने की कोशिश की थी।
लेकिन जिस तरह किसान आंदोलन के दौरान यह साफ हो गया था कि पंजाब-हरियाणा के अनेक किसान संगठन और किसान परिवार इस किसान आंदोलन के साथ नहीं थे, ठीक उसी तरह कनाडा में भी सभी सिख खालिस्तान के समर्थन में नहीं हैं। जिन लोगों ने भारत में खालिस्तान का आतंकी दौर देखा है, वे जानते हैं कि यह पंजाब के साथ-साथ कनाडा के लिए भी कितना बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
यही कारण है कि कनाडा में रह रहे अनेक सिख परिवार भी इसके समर्थन में नहीं हैं। यही कारण है कि यदि ट्रूडो हिंदुओं पर हमले को अपने लाभ के तौर पर देख रहे हैें तो इससे उन्हें नुकसान हो सकता है क्योंकि एंटी खालिस्तानी सोच के सिख परिवार दूसरे दल की ओर मुड़ सकते हैं जिससे अंततः ट्रूडो की लिबरल पार्टी को नुकसान हो सकता है।
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने आज कहा है कि कनाडा में हिन्दू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया हमला बेहद निंदनीय है। भारतीय दूतावास द्वारा एक कैम्प का आयोजन किया गया था। इसकी पूर्व सूचना तीन दिन पहले कनाडा सरकार को दे दी गई थी और उचित सुरक्षा का आग्रह भी किया गया था। इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। इससे साफ होता है कि ट्रूडो सरकार की मंशा साफ नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे हिंदू समाज में कनाडा सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि इसके पहले अभी 31 अक्टूबर को ही दीवाली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अपने वक्तव्य में यह कहा था कि इंडो-कैनेडियन कनाडा के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते है। हम हिन्दू कनाडाई लोगो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे ताकि वे स्वतंत्र रूप से और गर्व से अपने धर्म का पालन कर सकें। विहिप ने कहा है कि लेकिन ट्रडो अपने बयान पर खरे नहीं उतरे।
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