क्या अब गिरफ्तारी की वैधता की जांच कर सकती है अदालत? सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से किया सवाल
हेमंत सोरेन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। दोनों ने कोर्ट से जवाब देने के लिए बुधवार तक का समय मांगा है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार तक टाल दी है।
नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन से पूछा कि ईडी द्वारा दायर अभियोजन शिकायत पर ट्रायल कोर्ट के संज्ञान लेने के बाद क्या अदालत अब गिरफ्तारी की वैधता की जांच कर सकती है? कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट से पहले ही जमानत याचिका खारिज हो चुकी है और कोर्ट ने माना कि हेमंत सोरेन आरोपी हैं। गौरतलब है कि ईडी ने कथित जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मामला दर्ज किया है।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले की सुनवाई की और सोरेने के वकील से कहा कि क्या अब गिरफ्तारी की वैधता की जांच हो सकती है? पहले वह अदालत को संतुष्ट करें कि जब उनकी सामान्य जमानत की याचिका खारिज हो गई है तो क्या उन्हें लोकसभा चुनाव में अंतरिम जमानत दी जा सकती है? हेमंत सोरेन की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अरुणाभ चौधरी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। दोनों ने कोर्ट से जवाब देने के लिए बुधवार तक का समय मांगा है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई बुधवार तक टाल दी है।
ईडी की तरफ से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू कोर्ट में पेश हुए। ईडी ने सोरेन की अंतरिम जमानत का विरोध किया है। ईडी का कहना है कि हेमंत सोरेन का मामला दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के मामले से अलग है। केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने बीती 10 मई को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी। हेमंत सोरेन की जमानत याचिका झारखंड हाईकोर्ट से 13 मई को खारिज हो चुकी है। अब सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में अरविंद केजरीवाल की तरह उन्हें भी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत देने की मांग की है।
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