कौन है जिम्मेदार? उपराज्यपाल पर फूटा छात्रों का गुस्सा, रखीं अपनी मांगें
राजेंद्र नगर में हुए हादसे का जायजा लेने पहुंचे दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर छात्रों का गुस्सा फूटा। उन्हें देखते ही छात्रों ने नारेबाजी शुरू कर दी। उपराज्यपाल ने छात्रों की बातें सुनीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) राव आईएएस कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के मामले में पुलिस ने चार भवन मालिकों समेत पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं, दिल्ली नगर निगम ने एक कनिष्ठ अभियंता (जेई) को बर्खास्त कर दिया और एक सहायक अभियंता (एई) को निलंबित किया है, जबकि अधिशासी अभियंता को कारण बताओ नोटिस थमाया है। वहीं, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा। बाद में उपराज्यपाल ने छात्रों की बातें सुनीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया।
ओल्ड राजेंद्र नगर में सोमवार को निगम का बुलडोजर भी गरजा और राव कोचिंग सेंटर के पास नाले से कब्जे हटाए गए। हादसे की गूंज संसद से लेकर सड़क तक सुनाई दी। संसद में सभी दलों ने हादसे की जांच की मांग की, वहीं पश्चिम दिल्ली में कोचिंग सेंटर के बाहर छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया।
दिल्ली मध्य जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम हर्षवर्धन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से चार उस भवन के मालिक हैं, जिसमें कोचिंग सेंटर चल रहा था। इनकी पहचान करोल बाग निवासी सरबजीत सिंह, तेजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और परविंदर सिंह के रूप में हुई है, जो चचेरे भाई हैं। इन्होंने राव स्टडी सेंटर को इमारत किराये पर दी थी। पांचवां व्यक्ति एसयूवी गाड़ी का चालक मनोज कटारिया है। कटारिया पर आरोप है कि जलभराव के दौरान उसने तेजी से गाड़ी निकाली, जिससे स्टडी सेंटर का गेट टूट गया और बेसमेंट में पानी भरता चला गया। उसकी गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर हुई। अदालत ने पांचाें आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोचिंग सेंटर के मालिक व संचालक को पहले ही गिरफ्तार हैं। सभी की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
दिल्ली मध्य जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) एम हर्षवर्धन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में से चार उस भवन के मालिक हैं, जिसमें कोचिंग सेंटर चल रहा था। इनकी पहचान करोल बाग निवासी सरबजीत सिंह, तेजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और परविंदर सिंह के रूप में हुई है, जो चचेरे भाई हैं। इन्होंने राव स्टडी सेंटर को इमारत किराये पर दी थी। पांचवां व्यक्ति एसयूवी गाड़ी का चालक मनोज कटारिया है। कटारिया पर आरोप है कि जलभराव के दौरान उसने तेजी से गाड़ी निकाली, जिससे स्टडी सेंटर का गेट टूट गया और बेसमेंट में पानी भरता चला गया। उसकी गिरफ्तारी सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के आधार पर हुई। अदालत ने पांचाें आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कोचिंग सेंटर के मालिक व संचालक को पहले ही गिरफ्तार हैं। सभी की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
हादसे के बाद जागे नगर निगम ने सोमवार को बेसमेंट में चल रहे सात कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया। इनमें दृष्टि आईएएस इंस्टीट्यूट की एक, वाजी राव की तीन, रवि संस्थान की एक, आईएएस हब की एक और श्रीराम आईएएस इंस्टीट्यूट की एक बिल्डिंग शामिल है। निगम ने राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटराें के बाहर बुलडोजर से अतिक्रमण भी हटाए। इसके अलावा, निगम ने शाहदरा साउथ जोन में कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया। वहां 16 बिल्डिंग को चिह्नित किया है। एमसीडी इनके खिलाफ मंगलवार को कार्रवाई करेगी। रविवार को 13 कोचिंग सेंटर सील किए गए थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोचिंग सेंटर हादसे की जांच के लिए समिति गठित की है। समिति 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। साथ ही, ऐसे हादसों को रोकने के उपाय भी सुझाएगी। समिति में मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस कमिश्नर, फायर सलाहकार शामिल हैं। गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव इसके संयोजक होंगे। उपराज्यपाल ने हर मृतक के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
नगर निगम के आयुक्त अिश्वनी कुमार ने ओल्ड राजेंद्र नगर के कनिष्ठ अभियंता विनय मित्तल को बर्खास्त और सहायक अभियंता विश्राम मीणा को निलंबित कर दिया है। अनुबंध पर कार्यरत मित्तल पर यह कार्रवाई नालों की सफाई नहीं करने पर की गई है। आयुक्त ने अधिशासी अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है।
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