कोविड-इन्फ्लूएंजा टीके के नतीजे सकारात्मक
कैम्ब्रिज में कोविड-इन्फ्लूएंजा के खिलाफ संयुक्त वैक्सीन के तीसरे चरण में क्लीनिकल जांच के सकारात्म नतीजे आए हैं। मैसाचुसेट्स की दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना ने इसकी जांच की है। दुनिया में लोगों को 2025 तक इस वैक्सीन के मिलने की उम्मीद है।
वाशिंगटन (आरएनआई) मैसाचुसेट्स की दवा और जैव प्रौद्योगिकी कंपनी मॉडर्ना ने इस हफ्ते के शुरू में कोविड और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ संयुक्त वैक्सीन के तीसरे चरण की क्लीनिकल जांच के सकारात्मक नतीजों का ऐलान किया है। दुनिया भर में कई दशकों से अन्य बीमारियों के लिए संयुक्त टीके इस्तेमाल किए जाते रहे हैं, क्योंकि इनके कई फायदे हैं।
इनसे स्वास्थ्य प्रणालियों की लागत में कमी तो आती ही है, भंडारण की जरूरत भी कम पड़ती है और लोगों की जेब पर भारी नहीं पड़ते हैं। खास तौर से संयुक्त टीके कम आय वाले देशों में बेहद काम के साबित हो सकते हैं। शोध बताते हैं कि यह टीके लोगों के नियमित टीका लगाने की संभावना बढ़ाते हैं। मॉडर्ना का कोविड और इन्फ्लूएंजा का संयुक्त टीका एमआरएनए-1083 भी ऐसी ही उम्मीद जगा रहा है। अब तक 8,000 लोगों पर इसका परीक्षण किया जा चुका है।
मॉडर्ना की कोविड और इन्फ्लूएंजा के संयुक्त टीके एमआरएनए-1083 के तीसरे चरण की जांच में दो आयु समूहों के करीबन 8,000 लोगों को शामिल किया गया। समूहों में आधे 50 से 64 वर्ष की उम्र के वयस्क थे और बाकी आधे 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के थे। दोनों आयु समूहों को फिर से संयुक्त वैक्सीन एमआरएनए-1083 या नियंत्रण वाले समूह की वैक्सीन देने के लिए बांटा गया। नियंत्रण वाले समूह में कोविड और फ्लू वैक्सीन बेतरतीब तरीके से अलग- अलग दी गई थी।
वैश्विक स्तर पर करीब 30 से 50 लाख लोग सालाना गंभीर इन्फ्लूएंजा का सामना करते हैं और लगभग 6,50,000 लोग इस बीमारी से मर जाते हैं। दुनिया भर में कोविड से 70 लाख से अधिक मौतें हुई हैं। बावजूद इसके लोग वैक्सीन लगाने को लेकर बेपरवाह हो रहे हैं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?