कोरोना के बाद जेआईटीएम ने अब टीबी उन्मूलन का बीड़ा उठाया
सुलतान एस. कुरैशी
रांची,18 फरवरी 2023. कोरोना संकट के दौरान देश की राजधानी दिल्ली सहित झारखंड के सुदूर इलाकों में जनसेवा के लिए सुर्खियां बटोर चुकी संस्था जेआईटीएम ने अब राज्य में टीबी उन्मूलन का बीड़ा उठाया है।
यह संस्था कला,संस्कृत एवं स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये युवाओं एवं महिलाओं को स्वाबलंबन बनाने के लिए भी प्रोत्साहित करती है और हजारों जरूरतमंद इसका लाभ उठा रहे है।कई को तो विदेशों में रोजगार के अवसर मिले हैं।
झारखंड आदिवासी बाहुल्य प्रान्त के अलावा अधिकांश इलाकों में कोल खदानों की वजह से वायु प्रदूषित क्षेत्र के रूप में सुमार है और एक आंकड़े के अनुसार यहाँ प्रति एक लाख व्यक्ति में से 137 लोग टीबी से पीड़ित हैं। अकेले राजधानी रांची में लगभग साढ़े सात हजार मरीज टीबी से पीड़ित हैं।
इसी वजह से राज्य सरकार ने टीबी उन्मूलन का बीड़ा उठाया है और इसकी जिम्मेदारी कोरोना काल में देश की राजधानी दिल्ली सहित झारखंड के दूरवर्ती इलाकों में बेहत्तर काम करने वाली संस्था जेआईटीएम को जिम्मा सौंपी गयी है।
वर्ष 2020 में लाकडॉन की घोषणा के तुरंत बाद जब लाखों लोग अपने घर जाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर आ पहुंचे थे,तो इस संस्था के प्रमुख अपने दल बल के साथ लोगों की सेवा में जुट गए।उन्हें फल-फूल,दवा एवं भोजन पहुँचाने को लेकर मीडिया में सुर्खियां बटोरी थी।
बाद में इस संस्था की ओर से कोरोना जाँच के लिए कई चलंत वाहन लगाये गए, जिससे लाखों लोगो को जाँच की सुविधा मिल पाई।इस कार्य में लगे संस्था के कई कर्मी कोरोना से पीड़ित भी हुए थे।
जेआईटीएम के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि हमारी संस्था कठिन परिस्थितियों में बेहतर काम करने वाली है।हम झारखंड में टीबी उन्मूलन को लेकर संकल्पित हैं। सरकार एवं शीर्ष अधिकारियों का सहयोग इस दिशा में जरूर रंग लाएगी।
उन्होंने कहा है,कि झारखंड सरकार ने राज्य में टीबी मरीजों की जाँच का जिम्मा सौंपा है।हम इसे भी करके दिखाएंगे।इसकी पूरी योजना तैयार की जा चुकी है।कोरोना संकट के समय में भी हमारा लक्ष्य टारगेट को हासिल करना था और हम कामयाब रहे थे।
What's Your Reaction?