कैश फॉर जॉब केस में विशेष कोर्ट का फैसला, एडीओ की नियुक्ति मामले में पूर्व एपीएससी अध्यक्ष समेत 31 दोषी
असम में कृषि विकास अधिकारियों (एडीओ) की नियुक्ति से जुड़े नौकरी के बदले नकदी मामले में सोमवार को एक विशेष अदालत ने असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल और 31 अन्य को दोषी ठहराया है।
असम (आरएनआई) असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के नौकरी के लिए नकदी घोटाले में विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश दीपांकर ठाकुरिया ने 2017 में भांगागढ़ पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में सबूतों के अभाव में 11 अन्य को बरी कर दिया, जबकि एक व्यक्ति सरकारी गवाह बना है।
पूर्व एपीएससी अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल, आयोग के दो अन्य सदस्यों, बसंत कुमार डोले और समेदुर रहमान और अन्य अधिकारियों और बिचौलियों को कृषि विकास अधिकारियों की भर्ती परीक्षा में शामिल उम्मीदवारों के अंकों में हेराफेरी करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। हालांकि न्यायाधीश ने अभी तक दोषी व्यक्तियों की सजा की घोषणा नहीं की है।
इस मामले में नौकरी पाने में असफल रहे एक उम्मीदवार ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके बाद एक मामला दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वित्तीय लेनदेन के बदले दूसरे उम्मीदवार के अंक बढ़ाए गए थे। इससे पहले उन्होंने अंकों के सारणीकरण में बदलाव से संबंधित जानकारी के लिए एक आरटीआई दायर की थी और दावा किया था कि उन्होंने इसकी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत दर्ज की थी।
राकेश कुमार पॉल, एपीएससी के अन्य सदस्यों और अधिकारियों के साथ, सिविल, पुलिस और अन्य सेवा अधिकारियों की भर्ती के लिए संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) से संबंधित एक अन्य नकद-नौकरी मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए थे। एपीएससी में नौकरी के बदले नकदी घोटाले के मामले में असम पुलिस ने साल 2016 से राकेश कुमार पॉल और 57 सिविल सेवा अधिकारियों समेत लगभग 70 लोगों को गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुतबिक राकेश कुमार पॉल को नवंबर 2016 में डिब्रूगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था और मार्च 2023 में जमानत पर रिहा किया गया था।
फिलहाल गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्देश पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की तरफ से सीसीई से संबंधित मामले की जांच की जा रही है।
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