केरल सरकार की राज्यपाल के खिलाफ याचिका पर कोर्ट ने मांगा जवाब
सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी को नोटिस जारी कर पूछा है कि या तो वह या फिर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में शामिल हों।
नई दिल्ली, (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बता दें कि याचिका में केरल सरकार ने राज्यपाल के खिलाफ आरोप लगाया है कि वह राज्य विधानसभा चुनाव द्वारा पास कई विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल के सबमिशन पर यह नोटिस जारी किया है। सबमिशन में केके वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य विधानसभा द्वारा पारित आठ विधेयकों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी को नोटिस जारी कर पूछा है कि या तो वह या फिर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता सुनवाई में शामिल हों। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले पर शुक्रवार को अगली सुनवाई करेगा।
केके वेणुगोपाल ने कहा कि यह एक स्थैतिक स्थिति है। राज्यपाल यह नहीं समझ पा रहे हैं कि वह संविधान के अनुच्छेद 168 के अनुसार विधायिका का हिस्सा हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि कुछ विधेयक बीते सात से 21 महीनों से लंबित पड़े हैं। अपनी याचिका में केरल सरकार ने दावा किया है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आठ विधेयकों को मंजूरी देने में देरी कर रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने भी राज्यपाल के खिलाफ ऐसी ही याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की हुई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुनवाई एक दिसंबर तक टाल दी है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कहना है कि धन विधेयक सिर्फ राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही पारित हो सकता है। राज्यपाल का कहना है कि विश्वविद्यालय विधेयक, धन विधेयक है और धन विधेयक बिना राज्यपाल की मंजूरी के बिना विधानसभा द्वारा पारित नहीं किए जा सकते।
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