केरल के कैडेवर डॉग्स करेंगे बचाव अभियान में मदद, मानव अवशेष ढूंढने में है इन्हें महारत
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद की रोबोटिक्स कंपनी की टीम ने मंगलवार को इस बात की जांच की थी कि क्या रोबोट सुरंग के अंदर गहराई तक जाकर काम कर सकता है, क्योंकि सुरंग के भीतर आर्द्रता (ह्मयूडिटी) बहुत अधिक है।

हैदराबाद (आरएनआई) तेलंगाना में सुरंग हादसे को दो हफ्ते का समय बीतने वाला है और अभी तक सुरंग में फंसे लोगों को नहीं बचाया जा सका है। अब बचाव दल ने सुरंग में फंसे लोगों को ढूंढने के लिए केरल के कैडेवर डॉग्स की मदद लेने का फैसला किया है। कैडेवर डॉग्स लापता मनुष्यों और मानव अवशेषों को ढूंढने के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित होते हैं। केरल सरकार ने बताया है कि कैडेवर डॉग्स और उनके हैंडलर गुरुवार सुबह हैदराबाद के लिए रवाना हो गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बचाव अभियान में कैडेवर डॉग्स को शामिल करने के लिए केरल सरकार से अपील की थी।
एसएलबीसी सुरंग हादसे में तेलंगाना सरकार बचाव अभियान में रोबोट्स की मदद लेने पर भी विचार कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हैदराबाद की रोबोटिक्स कंपनी की टीम ने मंगलवार को इस बात की जांच की थी कि क्या रोबोट सुरंग के अंदर गहराई तक जाकर काम कर सकता है, क्योंकि सुरंग के भीतर आर्द्रता (ह्मयूडिटी) बहुत अधिक है। रोबोटिक्स कंपनी इस संबंध में समीक्षा कर रही है और जल्द ही इसका जवाब दे सकती है। उन्होंने कहा कि जब भविष्य में सुरंग में परियोजना से संबंधित कार्य दोबारा शुरू होगा, तो चट्टानों की संरचनात्मक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रोबोट प्रारंभिक टोही का कार्य कर सकते हैं।
तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कनाल (एसएलबीसी) प्रोजेक्ट चल रहा है। जयप्रकाश एसोसिएट्स कंपनी इस प्रोजेक्ट को पूरा कर रही है। बीती 22 फरवरी को सुरंग का एक हिस्सा ढहने से उसमें आठ लोग फंस गए। सुरंग में फंसे हुए लोगों की पहचान मनोज कुमार (यूपी), श्री निवास (यूपी), सनी सिंह (जम्मू-कश्मीर), गुरप्रीत सिंह (पंजाब) और संदीप साहू, जेगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है। ये सभी झारखंड के रहने वाले हैं।
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