किसी व्यक्ति/पशुपालक द्वारा अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ने पर संबंधित के विरुद्ध की जावेगी दण्डात्मक कार्यवाही

गुना (आरएनआई) विभिन्न माध्यमों से यह तथ्य ध्यान में लाया गया कि कुछ पशुपालकों द्वारा गौवंश या अन्य मवेशियों को आवारा छोड़ दिया जाता है, जिससे उन पशुओं के सड़क पर विचरण के दौरान दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। पशुओं के सड़कों पर आवारा विचरण से जहां एक ओर यातायात अवरुद्ध होता है, वहीं दूसरी ओर दुर्घटना होने से जनहानि एवं पशुहानि होने की संभावनाएं भी बनी हुई है।
इसे दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुये संपूर्ण गुना जिले की सीमांतर्गत विभिन्न प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं –
जारी आदेश अनुसार कोई भी व्यक्ति/ पशुपालक द्वारा अपने गौवंश या अन्य मवेशियों को जानबूझकर अथवा उपेक्षापूर्वक सार्वजनिक सड़क अथवा स्थान पर खुला छोड़ा जाता है तो संबंधित व्यक्ति/ पशुपालक के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जावेगी।
राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग (भ/स), प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना आदि द्वारा निर्मित सड़कों पर आवारा गौवंश व अन्य मवेशियों के स्वच्छंद विचरण पर रोक लगाने हेतु आदेशित किया जाता है कि संबंधित सड़क निर्माण विभाग उनसे संबंधित सड़कों पर निरंतर एवं प्रभावी पेट्रोलिंग करायेंगे। यदि किसी सड़क पर सड़क दुर्घटना के फलस्वरूप पशु मृत पाये जाते हैं तो उनके तत्काल निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, साथ ही घायल पशुओं के ईलाज हेतु उप संचालक, पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग गुना से संपर्क कर तत्काल चिकित्सीय व्यवस्था उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करेंगे।
पशुपालक गौवंश/ मवेशियों को अपने घर में बांध कर रखें, इस आशय की मुनादी स्थानीय नगर पालिका परिषद, नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायतों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्गों, राजकीय राजमार्गों, ग्राम की मुख्य सड़क मार्गों पर स्थित ग्रामों में कराई जाना आवश्यक होगा। संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायत/ नगरीय निकाय, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 के तहत कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे तथा वह गौवंश एवं मवेशियों को सड़क मार्गों पर स्वच्छंद विचरण करने से रोकने हेतु आवश्यकतानुसार कर्मचारियों को पाबंद करेंगे।
पशुपालक बीमार/ रोगग्रस्त घायल गौवंश/ मवेशियों को किसी मार्ग सड़क पर नहीं छोड़ेगा। यदि ऐसा करना आवश्यक हो, तो संबंधित स्थानीय निकाय से संपर्क कर गौवंश को गौशाला संचालक को सौंपा जाये।
यदि किसी पशुपालक के द्वारा आवारा छोड़ा गया गौवंश एवं अन्य मवेशियों को परिस्थितिवश गौशाला या अन्य सुरक्षित स्थान में प्रेषित किया जाता है तो उनके परिवहन व गौशाला में रहने की अवधि का खर्च भू-राजस्व की बकाया की भांति संबंधित पशुपालक से वसूली योग्य होगा।
नगर पालिका सीमा में रखे गये या लाये गये प्रत्येक पशु का स्वामी दिनांक 24.02.2023 को मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित मध्यप्रदेश (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण नियम 2023) के तहत पशुओं का रजिस्ट्रीकरण अनिवार्य रूप से करायेगा। ऐसा करने में असफल रहने पर स्वामी से नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
कोई भी व्यक्ति सड़कों पर मृत एवं घायल अवस्था में मिले गौवंश/मवेशियों की सूचना जिला कंट्रोल रूम के दूरभाष क्रमांक 07542-252422 एवं उप संचालक, पशु पालन एवं डेयरी विभाग, गुना के मोबाईल नंबर 9826290708 या भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आपातकालीन नंबर 1033 एवं चलित पशु चिकित्सा इकाई के टोल फ्री नंबर 1962 पर दे सकेगा।
यह आदेश भारतीय नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। इस आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1956 में वर्णित प्रावधानों के अंतर्गत कार्यवाही की जावेगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा तथा दिनांक 13 मार्च 2025 से दिनांक 12 मई 2025 तक प्रभावशील रहेगा।
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