किसान को आत्महत्या से रोका… अब देना होगा बचाने में लगी पुलिस का खर्चा; मिला 10 लाख का नोटिस
राजस्थान के झुंझुनू का मामला है। यहां एक किसान ने आत्मदाह की धमकी दी थी। प्रशासन ने उसे बचा लिया और शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अब किसान को प्रशासन ने एक नोटिस भी थमाया है, जिसमें जिक्र है कि उसे बचाने में लगभग 10 लाख रुपये खर्च हुए हैं। किसान को यह पैसा चुकाने को कहा गया है।
झुंझुनू (आरएनआई) राजस्थान के झुंझुनू में एक किसान सुसाइड करने जा रहा था। प्रशासन ने उसे बचा लिया। लेकिन अब किसान को प्रशासन ने एक नोटिस थमाया है, जिसमें जिक्र है कि उसे बचाने में लगभग 10 लाख रुपये खर्च हुए हैं। किसान को यह पैसा चुकाने को बोला गया है। किसान का नाम विद्याधर यादव है। उसने आत्मदाह की बात कही थी।
झुंझुनू में स्थित एक सीमेंट फैक्ट्री है। सीमेंट फैक्ट्री के निर्माण के दौरान विद्याधर यादव की जमीन भी चली गई थी। किसान का आरोप था कि उसे जमीन और मकान का उचित मुआवजा नहीं दिया गया। वह इसकी शिकायत कई बार कंपनी सहित जिले के अफसरों से भी कर चुका था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
जमीन का उचित मुआवजा नहीं मिलने से विद्याधर परेशान था। वह कार्यालयों का चक्कर लगाते-लगाते थक गया, लेकिन किसी ने भी उसकी समस्या नहीं सुनी। तंग आकर डीएम से इच्छा मृत्यु की मांग की थी। वह 11 दिसंबर को फैक्ट्री के बाहर पहुंचा और कहने लगा कि वह परिवार सहित यहीं पर आत्मदाह करेगा। इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया था। उसे एसडीएम कोर्ट से बेल मिल गई थी। इस घटना के एक दिन बाद उसे तीन करोड़ रुपये का मुआवजा मिला था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विद्याधर को शांति भंग के आरोप में अरेस्ट किया गया था। पुलिस को जैसे ही इस बात की सूचना मिली, चौकन्नी हो गई। उसे बचाने के लिए 99 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इनमें एक एसपी, दो डीएसपी सहित अन्य अफसरों की भी तैनाती की गई थी। कई सरकारी गाड़ियों को भी लगाया गया था। इन सब पर लगभग 9 लाख 99 हजार 577 रुपये खर्च हुए। अब एक नोटिस भेजकर किसान को ये पैसा देने को बोला गया है। विद्याधर को बचाने के दौरान सरकारी खजाने से पैसे खर्च हुए हैं।
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