किसान आंदोलन 2.0: डल्लेवाल की दो टूक, बोले- सिर्फ एक ही तरीके से खत्म होगा आमरण अनशन
पिछले 20 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन तोड़ने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनका यह अनशन सिर्फ एक तरीके से ही खत्म हो सकता है।
पटियाला (आरएनआई) फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर पिछले 20 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिलने रविवार को पंजाब के डीजीपी गौरव यादव, केंद्र से डायरेक्टर होम अफेयर्स मयंक मिश्रा, पटियाला रेंज के डीआईजी मनदीप सिंह सिद्धू, पटियाला के एसएसपी डॉ. नानक सिंह समेत अन्य अधिकारी खनौरी बॉर्डर पहुंचे। डल्लेवाल से मुलाकात के बाद अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
डीजीपी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र व पंजाब के अधिकारियों ने डल्लेवाल से अपील की कि वे अनशन खत्म करें। उनकी जान बेशकीमती है। डीजीपी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के मुताबिक डल्लेवाल को इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने के लिए मेडिकल उपकरणों से लैस एंबुलेंस उपलब्ध कराई गई है।
मयंक मिश्रा ने कहा कि किसानों की मांगों को सुना गया है। उम्मीद है कि बातचीत के जरिये इनका हल निकल सकेगा। इस दिशा में पंजाब सरकार की तरफ से भी पूरी कोशिश की जा रही है। फिलहाल केंद्र से किसी तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। अधिकारियों और डल्लेवाल की मुलाकात के संबंध में किसान नेता अभिमन्यू कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल ने अनशन खत्म करने के लिए इनकार कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि उनकी चिंता करने के बजाय बातचीत करके किसानों की मांगों को हल करवाएं। सिर्फ यही तरीका है उनका आमरण अनशन खत्म करवाने का। रविवार को पटियाला से सांसद डा. धर्मवीर गांधी और महिला पहलवान व कांग्रेस की विधायक विनेश फोगाट भी खनौरी बॉर्डर पर डल्लेवाल से मिलने पहुंचे। उन्होंने भी केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को जल्द हल करने की मांग की।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी भी रविवार को डल्लेवाल का हाल जानने खनौरी बॉर्डर पहुंचे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर इस आंदोलन की शुरुआत से ही किसान जत्थेबंदियां एक होकर लड़ती, तो आज बात कुछ और होती। जरूरत है कि सभी जत्थेबंदियों के एक मंच पर इकट्ठा होने की। फिलहाल आंदोलन केवल पंजाब में हो रहा है, इसलिए भी केंद्र सरकार इसे हल्के में ले रही है। चढ़ूनी ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और इन्हें बातचीत के जरिये जल्द हल किया जाना चाहिए।
सोमवार को किसानों की ओर से पंजाब को छोड़कर देश के अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे। इसके बाद डल्लेवाल की ओर से राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी की कापियां भी जिला अधिकारियों को सौंपी जाएंगी। बुधवार को सिर्फ पंजाब में दोपहर 12 से तीन बजे तक ट्रेनें रोकी जाएंगी।
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