काश मेरे मित्रों ने मुझसे पूछ लिया होता : एचडी देवगौड़ा
देवगौड़ा ने कहा था कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने पार्टी को बचाने के लिए भाजपा के साथ कर्नाटक में आगे बढ़ने के लिए पूरी सहमति दे दी है। हालांकि, विजयन ने शुक्रवार को इस दावे को खारिज कर दिया था। इसके बाद केरल में सियासी घमासान मच गया था।
बंगलूरू, (आरएनआई) जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा ने अपने बयान पर केरल में मचे सियासी घमासान पर सफाई दी। उन्होंने शनिवार को कहा कि कर्नाटक में भाजपा के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन को लेकर केरल की माकपा में कुछ भ्रम है। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी यह नहीं कहा कि पड़ोसी राज्य में सत्तारूढ़ वाम दल इस गठबंधन का समर्थन करता है।
उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'माकपा में मेरे बयान को लेकर कुछ भ्रम है। ऐसा लगता है कि मेरे कम्युनिस्ट मित्रों ने न तो मैंने जो कहा और न ही उस संदर्भ का पालन किया, जिसमें मैंने कहा था।
मैंने केवल यह कहा कि केरल में मेरी पार्टी इकाई एलडीएफ सरकार के साथ मिल रही है क्योंकि भाजपा के साथ हमारे गठबंधन के बाद कर्नाटक के बाहर मेरी पार्टी इकाइयों के भीतर चीजें अनसुलझी हैं। काश माकपा नेताओं ने अपने शब्दों का चयन बेहतर तरीके से किया होता या स्पष्टीकरण मांगा होता।
देवगौड़ा ने हाल ही में जेडीएस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीएम इब्राहिम को भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने पर राज्य कार्यसमिति से हटा दिया था। साथ ही देवगौड़ा ने कहा था कि केरल की वाम सरकार के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पार्टी को बचाने के लिए भाजपा के साथ कर्नाटक में आगे बढ़ने के लिए पूरी सहमति दे दी है। हालांकि, विजयन ने शुक्रवार को देवगौड़ा के इस दावे को खारिज कर दिया था।
केरल के मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री से अपने बयान को सही करने के लिए भी कहा था। विजयन ने कड़े शब्दों में कहा था कि जेडीएस की राज्य इकाई ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा के साथ गठबंधन के खिलाफ हैं और वे केरल में वाम मोर्चे के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
यह पहली बार नहीं है जब देवगौड़ा भाजपा से हाथ मिला रहे हैं। हम सभी को 2006 याद है, जब जेडीएस भाजपा में शामिल हो गई थी। उन्होंने इस विचारधारा को छोड़ दिया और अपने बेटे के लिए मंत्री पद पाने के लिए भाजपा से जुड़ गए।
कांग्रेस के उस आरोप पर भी हमला, जिसमें कहा गया था कि माकपा और भाजपा के बीच संबंध हैं। इस पर विजयन ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को खुद को मूर्ख नहीं बनाना चाहिए।
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