कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद हुईं ईडी के सामने पेश
बड़कागांव विधानसभा सीट से विधायक अंबा प्रसाद को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए 4 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था। उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए पेशी पर आने से मना कर दिया था।
रांची (आरएनआई) मनी लांड्रिंग मामले का सामना कर रही झारखंड की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी मामले में आज रांची में प्रवर्तन निदेशालय के सामने उनकी पेशी हुई। वे दोपहर में करीब ढाई बजे ईडी कार्यालय पहुंची। जहां कथित जबरन वसूली और जमीन हड़पने के मामलों से जुड़ी जांच को लेकर उनका बयान दर्ज किया गया। गौरतलब है कि ईडी ने 12 मार्च को अंबा प्रसाद के परिसरों में छापेमारी की थी। उनपर अवैध रेत खनन, जमीनों पर कब्जा और जबरन वसूली करने का आरोप है।
कथित जबरन वसूली और जमीन हड़पने के मामलों से जुड़ी जांच में योगेंद्र साव से ईडी पूछताछ कर चुकी है। उनसे तीन और चार अप्रैल को लगातार दो दिनों तक ईडी ने पूछताछ की थी। ईडी के समन को लेकर अंबा प्रसाद ने कहा कि यह पहली बार नहीं है। मैं बचपन से ही चुनौतियों का सामना कर रही हूं। मेरा जीवन संघर्ष का रहा है लेकिन मैं एक बात पर विश्वास करती हूं कि अंत में सच्चाई की जीत होगी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बड़कागांव विधानसभा सीट से विधायक अंबा प्रसाद को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज करने के लिए 4 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा था। हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए पेशी पर आने से मना कर दिया था। उनके पिता और पूर्व मंत्री योगेंद्र साव ने इस बारे में चार अप्रैल को जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि प्रसाद ने ईडी से चिकित्सा आधार पर पेशी से समय मांगा था।
इससे पहले मार्च में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित जबरन वसूली, लेवी वसूली, अवैध रेत खनन और भूमि कब्जा से संबंधित मामले में जांच के लिए अंबा प्रसाद, उनके पिता और अन्य रिश्तेदारों के आवास और अन्य संपत्तियों पर छापा मारा था। ईडी ने बताया कि छापेमारी में करीब 35 लाख रुपये की अवैध नकदी के साथ ही डिजिटल उपकरण, सर्कल कार्यालयों, बैंकों आदि के नकली टिकट और हस्तलिखित रसीदों और डायरियों आदि के रूप में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए थे। यह मामला झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता और शस्त्र अधिनियम के तहत साव, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों के खिलाफ दर्ज की गई 15 प्राथमिकियों से उपजा है। हालांकि ईडी ने यह साफ नहीं किया है कि नकदी और दस्तावेज कहां से जब्त किए गए।
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