कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन का 'कांटा' साफ
कांग्रेस के कई नेता चाहते थे कि आम आदमी पार्टी से समझौता करके दिल्ली में भाजपा को कड़ी टक्कर दी जाए। लेकिन दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित अरविंद केजरीवाल से किसी भी तरह का समझौता करने के विरोध में थे।
पंजाब, (आरएनआई) दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच लोकसभा चुनाव में गठबंधन होने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। लेकिन कांग्रेस के शीर्ष नेता अजय माकन को पार्टी का कोषाध्यक्ष नियुक्त किए जाने से दिल्ली में दोनों दलों के साथ आने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अजय माकन दिल्ली में पार्टी के भविष्य को लेकर अरविंद केजरीवाल से किसी भी तरह का समझौता न करने को लेकर अड़े हुए थे, लेकिन अब उन्हें पूरी तरह केंद्रीय इकाई में जिम्मेदारी मिल जाने के बाद दिल्ली में उनका दखल कम होगा और इसका परिणाम दोनों दलों में समझौते के रूप में सामने आ सकता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी हर हालत में कांग्रेस से समझौता करना चाहती थी। कांग्रेस के भी कई नेता चाहते थे कि आम आदमी पार्टी से समझौता करके दिल्ली में भाजपा को कड़ी टक्कर दी जाए। लेकिन दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित अरविंद केजरीवाल से किसी भी तरह का समझौता करने के विरोध में थे।
यदि कांग्रेस आम आदमी पार्टी से समझौता कर लेती है तो इससे दिल्ली में उसके दुबारा खड़ी होने की संभावनाएं हमेशा के लिए समाप्त हो जाएंगी। इनका यह भी कहना था कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के ही वोट बैंक को हथिया कर दिल्ली में अपना जनाधार बनाने में सफल हुई है। ऐसे में यदि वो आम आदमी पार्टी के साथ खड़ी हो जाएगी तो इससे मतदाताओं के उसके पास लौटने की कोई संभावना समाप्त हो जाएगी।
पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं के विरोध के कारण कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में दिल्ली में गठबंधन नहीं हो पाया। इसका सीधा परिणाम हुआ कि भाजपा ने दिल्ली की सभी सीटों पर 51 प्रतिशत से ज्यादा वोटों के साथ जीत हासिल कर लिया। लेकिन इसी चुनाव में कांग्रेस सभी सात सीटों पर दूसरे नंबर पर रही, जबकि आम आदमी पार्टी को हर सीट पर तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि दोनों दलों के साथ आने की संभावना बने तो फ्लोटिंग वोटर भी उसके साथ आ सकता है और इसके सहारे भाजपा को दिल्ली में हराया जा सकता है। यदि मतों में बिखराव होगा तो भाजपा एक बार फिर 2024 में दिल्ली की सभी सीटों पर बाजी मार सकती है।
राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली की सभी सातों सीटों पर तैयारी करने की बात कही है। नए प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली लगातार जिला स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक कर स्थानीय स्तर पर पार्टी को मजबूती देने में जुटे हुए हैं। उधर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी सातों सीटों पर अपने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिये हैं।
दोनों दलों की तैयारियों में जुटने के बाद भी दोनों दलों के शीर्ष नेता इस बात पर सहमत हैं कि भाजपा को रोकने के लिए आपस में गठबंधन किया जाए। चर्चा है कि कांग्रेस को समझौते में चार सीटें और आम आदमी पार्टी को तीन सीटें तक मिलने पर बात बन सकती है। आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपनी सरकार होने के आधार पर ज्यादा सीटों की मांग कर रही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसकी बुरी पराजय के आधार और अपनी बढ़त के आधार पर कांग्रेस उसे तीन सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। हालांकि, दोनों दलों के नेता मानते हैं कि सीटों पर बात नहीं रुकने पाएगी और दोनों दलों में समझौता हो जाएगा। अजय माकन और संदीप दीक्षित जैसे नेताओं को अलग जिम्मेदारी देकर मामला सेटल करने की कोशिश की जा सकती है। अजय माकन को पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाकर इस दिशा में पहला कदम उठा लिया गया है।
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