कलेक्टर द्वारा कृषि, उद्यानिकी, सीसीबी एवं सहकारिता विभागों के द्वारा संचालित विभागीय योजनाओं की समीक्षा के दौरान दिये आवश्यक निर्देश
धनिया गुना जिले की पहचान है, इसकी ब्रांडिंग के लिए कराएं प्रचार-प्रसार - कलेक्टर
गुना (आरएनआई) कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कृषि, उद्यानिकी, सीसीबी एवं सहकारिता विभागों की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि विभाग की विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर योजनाओं की लक्ष्य-पूर्ति हेतु निर्देशित किया गया। वर्तमान रबी सीजन में खाद वितरण सुगम व्यवस्था के लिए किसी एक गांव को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चुनकर बेस्ट प्रेक्टिस के लिये प्लान बनाएं। जिसके तहत कृषकों को खाद मिलने में अनावश्यक रूप से परेशानी का सामना न करना पड़े और किस कृषक ने किस केन्द्र से कितना खाद किस दस्तावेज के आधार पर प्राप्त किया है, इसका भी अभिलेख रखने में सुविधा हो। समीक्षा के दौरान एनएफएल के वरिष्ठ अधिकारियों से यूरिया रैंक के संबंध में अपडेट जानकारी ली गई। इसी प्रकार भण्डारण व्यवस्था और सोसायटी एवं डबल लॉक की केन्द्र वार कृषकों की जानकारी तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये। साथ ही तहसीलवार कृषक/ सोयल रकबा, जिंसवार रकबा के आधार पर गणना करें कि खाद की कितनी मांग है, इसका आंकलन किया जाये।
इस दौरान उद्यानिकी विभाग से संबंधित समीक्षा के दौरान उप संचालक उद्यानिकी को निर्देशित किया गया कि गुना जिले में धनिया की विशेष पहचान है, जिसे एक जिला एक उत्पाद में शामिल किया गया है। धनिया उत्पाद का फसल चक्र की पीपीटी तैयार करावें और किसी सार्वजनिक स्थल पर धनिया उत्पाद के विक्रय को प्रोत्साहन एवं ब्रांडिंग कराने के लिए काउंटर स्थापित किया जाये। इसी प्रकार कृषकों को फल, फूल, औषधि एवं सब्जी आदि कैश क्रॉप्ट उत्पादन के लिए प्रेरित किया जावे। जिले में नवाचार के रूप में पंचायतों में पौधारोपण एवं विक्रय कार्य के संबंध में फोटो सहित पीपीटी तैयार करायी जावे और जिले की बारोद, परवाह एवं खटकिया नर्सरियों में पानी की व्यवस्था के लिए मनरेगा से कुंआ व तालाब उत्खनन के लिए प्लान किया जाये।
समीक्षा के दौरान मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था एवं बीज निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपनी संस्थाओं द्वारा बीज उत्पादन एवं प्रमाणीकरण के संबंध में जो कार्य किया जाता है उसके प्रचार-प्रसार के संबंध में कृषकों को जागरूक करने के लिए मंडी में फ्लैक्स लगवाये जाएं। कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने केन्द्र के माध्यम से किये जाने वाले कार्यो को कृषकों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार करें एवं फ्लैक्स लगवाएं। गौशालाओं में जहां बाउंड्रीवॉल/ तार फैसिंग व्यवस्था है वहां नेपियर ग्रास तैयार करावें एवं बर्मी कंपोस्ट तैयार कराया जावे।
बैठक के दौरान वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारियों से अपने-अपने क्षेत्र में किये गये भ्रमण कार्य एवं ग्रामों की संख्या की जानकारी के दौरान संबंधित अधिकारियों द्वारा संतोषजनक जवाब न देने पर नाराजगी व्यक्त की गई। इस दौरान उप संचालक कृषि को निर्देशित किया गया कि अपने एसएडीओ एवं आरईओ को कृषकों को जागरूक करने के लिए क्षेत्र में सतत भ्रमण कराएं।
बैठक के अंत में सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि आपसी समन्वय से कार्य करें और अगली बैठक में तैयारी के साथ उपस्थित रहें। आज आयोजित बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक, उप संचालक कृषि अशोक कुमार उपाध्याय, उप संचालक उद्यानिकी जीएस रघुवंशी, महाप्रबंधक सीसीबी अरस्तु प्रभाकर, उपायुक्त सहकारिता मुकेश जैन सहित संबंधित विभाग के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
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