कलेक्टर द्वारा शिक्षा विभाग से संबंधित कार्यो की विस्तृत रूप से की गई समीक्षा
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माणाधीन, प्रगतिरत निर्माण कार्यो का सतत करें निरीक्षण - कलेक्टर शिक्षा विभाग के जिला एवं विकास खण्ड के अधिकारी विद्यालयों का सतत रूप से करें निरीक्षण शिक्षकों से संबंधित समस्याओं का शिविरों के माध्यम से कराएं निराकरण।
गुना (आरएनआई) कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह द्वारा जिला कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में शिक्षा विभाग से संबंधित कार्यो की विस्तृत रूप से समीक्षा की गई। इस दौरान मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत प्रथम कौशिक, जिला शिक्षा अधिकारी सी.एस. सिसोदिया, परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र आर.के. शर्मा सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान शिक्षा विभाग से संबंधित विगत वर्ष के माध्यमिक शिक्षा मण्डल बोर्ड के परीक्षा परिणाम, विद्यालयों के नामांकन, अद्योसंरचना के निर्माण कार्य, समग्र एन्रोलमेंट, अशासकीय शालाओं का सत्यापन, नि:शुल्क साइकिल वितरण, गणवेश वितरण, छात्रावास से संबंधित व्यवस्थाएं, सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत प्रगतिरत निर्माण कार्य- अतिरिक्त कक्ष एवं शौचालय, भौतिक प्रगति, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण (मध्यान्ह भोजन), सीएम राइज विद्यालय आदि से संबंधित बिंदुओं की विस्तृत समीक्षा की गई।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ऐसे स्कूल जो बाउंड्रीव्हीन हैं, उनमें सीएसआर मद से बाउंड्री बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किये जावें। जिन विद्यालयों में पेयजल व्यवस्था नही है, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से समन्वय कर पेयजल की व्यवस्था कराएं।
सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माणाधीन, प्रगतिरत निर्माण कार्यो का सतत करें निरीक्षण - कलेक्टर
अभी भी अधिकांश विद्यालयों में लाईट और पंखे की व्यवस्था नही है, कोई भी विद्यालय शौचालय विहीन नही रहना चाहिये, इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराये जावें। विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्थाएं न होने पर कलेक्टर द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई और सभी स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के लिए प्रयास किये जावें। सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत निर्माणाधीन, प्रगतिरत कार्यो का सहायक यंत्री एवं उप यंत्री सतत निरीक्षण करें।
शिक्षा विभाग के जिला एवं विकास खण्ड के अधिकारी विद्यालयों का सतत रूप से करें निरीक्षण
समग्र एनरोलमेंट के अंतर्गत प्रगति बहुत कम हैं और विद्यालयों में औसतन दर्ज संख्या में भी बहुत कम है, इसे बढ़ाने के लिए प्रयास किये जाएं। भ्रमण के दौरान यह पाया गया कि अधिकांश स्कूल समय पर नहीं खुल रहे हैं और शिक्षक भी समय पर स्कूल नही पहुंच रहे हैं। निरीक्षण के समय जो शिक्षक अनुपस्थित पाये जाते हैं उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही प्रस्तावित की जावे। जिला शिक्षा अधिकारी और डीपीसी जिले में गुणवत्ता शिक्षा पर ध्यान देवें। सभी नव-नियुक्त सहायक संचालक एवं बीईओ/ बीआरसी विद्यालयों का सतत निरीक्षण करें, शिक्षा का स्तर सुधारें अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जावेगी।
शिक्षकों से संबंधित समस्याओं का शिविर लगाकर कराएं निराकरण
जनसुनवाई एवं भ्रमण के दौरान यह देखने में आ रहा है कि शिक्षकों से संबंधित समस्याओं के प्रकरण लंबे समय तक अनावश्यक रूप से लंबित रखे जा रहे हैं उनका नियमित रूप से निराकरण नही किया जा रहा है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि शिक्षकों से संबंधित समस्याओं के संबंध में समस्या निवारण शिविर का आयोजन कर प्राथमिकता से निराकरण कराने की कार्यवाही करें।
जिले में संचालित अशासकीय शालाओं के सत्यापन का कार्य कराने के निर्देश दिये गये, जिसमें यह पाया गया कि अभी भी सत्यापन का कार्य शेष है। जिले के ऐसे 23 अशासकीय शालाएं जो असंचालित हैं, निर्धारित मापदण्ड अनुसार संचालित नही हो रहे हैं, उनका निरीक्षण कर नोटिस जारी करें और उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित करें। जिले में किसी भी कार्यालय में कोई भी शिक्षक यदि संलग्न है तो उसका संलग्नीकरण तत्काल समाप्त किया जावे। विगत वर्ष गणवेश से संबंधित राशि अभिभावक/छात्रों के खाते में स्थानांतरित की गई है, उन सभी छात्रों को गणवेश बनवाने एवं स्कूल में गणवेश पहनकर आने के लिए शिक्षकों द्वारा प्रेरित किया जावे।
जिले में नवनियुक्त सहायक संचालकों की नियुक्ति हुयी है उन्हें जिम्मेदारी देने तथा उनके माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण, एमडीएम एवं निर्माण कार्यो का निरीक्षण करने की जिम्मेदारी दी जावे। सभी बीईओ, बीआरसी पीएम जनमन अंतर्गत बच्चों के लंबित जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए संबंधित जनशिक्षकों के सहयोग से बनवाना सुनिश्चित करें। इसी प्रकार नवीन सीएम राइज विद्यालयों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूर्णं करावें। विद्यालयों में संलग्न स्व-सहायता समूहों द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाया जा रहा है, यदि उनकी किसी तरह की शिकायत प्राप्त होती है तो उन्हें हटाने के लिए अनुश्रवण समिति की अनुशंसा के माध्यम से प्रतिवेदन भेजा जावे।
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