कलेक्टर की लापरवाही से दर्जनभर पंचायतों को नहीं मिलेंगे सरपंच
गुना। कलेक्टर की लापरवाही के कारण गुना जिले की 13 ग्राम पंचायतें अभी 06 माह और सरपंच से वंचित रहकर करीब 70 हजार की ग्रामीण आबादी को विभिन्न शासकीय योजनाओं के कार्यों में तरसाएंगी।
त्रि-स्तरीय पंचायत उपनिर्वाचन 2022 के लिए राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत 05 जनवरी 2023 को सरपंच के सभी 13 रिक्त पदों के लिए प्रशासनिक लापरवाही के कारण निर्वाचन सम्पन्न नहीं हो पाएगा। कारण है रिक्त पदों की जानकारी के बावजूद ‘अपवर्जन’ की कार्यवाही को कलेक्टर द्वारा अंजाम न देना।
सूत्रों के अनुसार अशोकनगर, दतिया, सहित प्रदेष के करीब 15 जिलों में कलेक्टरों ने गुना की तरह ‘अपवर्जन’ की कार्यवाही को अंजाम नहीं दिया है, जिसके कारण सरपंचों के रिक्त पदों वाली ग्राम पंचायतों में सरपंच पद का आरक्षण वही रहा है जिस आरक्षण पर प्रत्याषी न मिलने के कारण सरपंच पद रिक्त रहा था।
जानकारी अनुसार जून-जुलाई में पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत गुना जिले की 13 ग्राम पंचायतों में सरपंच का पद रिक्त रहा, क्योंकि इन ग्राम पंचायतों के सरपंच का पद जिस वर्ग के लिए आरक्षित था उस वर्ग का प्रत्याषी ग्राम पंचायत में था ही नहीं। सरपंच पद रिक्त रहने की स्थिति में इन ग्राम पंचायतों में सरपंच के स्थान पर प्रषासक नियुक्त करने के लिए संबंधित जनपद पंचायतों से जिला पंचायत को पत्र/नोटषीट भेजी गई, किन्तु जिला पंचायत सीईओ जनपदों की इस कार्यवाही को ‘परीक्षण’ के नाम पर लंबित रखे रहे और ग्राम पंचायतों के कार्य आज तक ठप्प हैं। जिला पंचायत रिक्त सरपंचों वाली ग्राम पंचायतों में प्रषासक ही नियुक्त नहीं कर पाई थी कि चुनाव आयोग ने पंचायत उपनिर्वाचन 2022 (उत्तरार्द्ध) की अधिसूचना जारी कर दी, जिसके अनुसार इन रिक्त पदों के लिए 05.01.2023 को मतदान होना है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 09 दिसम्बर 2022 को जारी की गई उपनिर्वाचन की अधिसूचना के पूर्व कलेक्टर गुना को सरपंच के रिक्त पदों वाली 13 ग्राम पंचायतों में ‘अपवर्जन’ की कार्यवाही करना थी, जिससे ग्राम पंचायतों के सरपंच का पद पूर्व के आरक्षण से मुक्त होकर ‘सामान्य’ हो जाता। गुना कलेक्टर ने अपवर्जन की यह कार्यवाही अधिसूचना जारी होने केे बाद 13 दिसम्बर को पूर्ण की, जिसका पंचायत राज संचालनालय से गजट नोटिफिकेषन ही नहीं हो पाया, जिस कारण सरपंच के रिक्त पदेां वाली इन 13 ग्राम पंचायतों में पूर्व के आरक्षण पर ही निर्वाचन होना है और इस आरक्षित वर्ग के लिए ग्राम पंचायतों में प्रत्याषी ही नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायतों के रिक्त पदों की त्रैमासिक जानकारी जिला पंचायत और जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर गुना को नियमित रूप से पहुंचती है। पंचायत चुनाव उपरांत दिनांक 30.09.2022 की स्थिति में रिक्त पदों की जानकारी जिला प्रषासन के पास होने पर भी साप्ताहिक समय-सीमा बैठक ‘सख्ती’ से लेने वाले गुना कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. ने अपवर्जन की कार्यवाही पर कतई गौर नहीं किया।
सूत्रों के अनुसार अपवर्जन की कार्यवाही अथवा सरपंच के रिक्त पदों वाली ग्राम पंचायतों में प्रषासक नियुक्त करने के पत्र/नोटषीट जिला पंचायत और कलेक्टर स्तर पर परीक्षण के नाम पर जनपद पंचायतों में वापिस किये जाते रहे।
अपवर्जन की कार्यवाही समय पर न होने के कारण मजबूरन पूर्व के आरक्षण पर सरपंच पद के चुनाव कराने के संबंध में जिला पंचायत से जानकारी ली कि अपवर्जन की कार्यवाही की जा चुकी है, लेकिन गजट नोटिफिकेषन न होने के कारण पूर्व के आरक्षण पर ही चुनाव कराया जावेगा, अपवर्जन किस तारीख को किया गया, इसका साफ जबाव जिलापंचायत से नहीं दिया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी आर.बी. सिण्डोस्कर ने मीडिया से साफ कहा कि अपवर्जन के लिये फाइनल अथॉरिटी कलेक्टर हैं लेकिन सारी लापरवाही जिला पंचायत की है, जिला पंचायत को अपवर्जन की कार्यवाही 09 दिसम्बर 2022 को अधिसूचना जारी होने के पूर्व कराना थी, लेकिन अपवर्जन 13 दिसम्बर 2022 को कराया गया।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सिण्डोस्कर के अनुसार अपवर्जन की कार्यवाही के लिये जनपद पंचायतों से एसडीएम की अनुशंसा सहित प्रस्ताव जिला पंचायत पहुंचता है और कलेक्टर के हस्ताक्षर उपरांत जिला पंचायत अपवर्जन की कार्यवाही पंचायत राज संचालनालय भेजती है। संचालनालय द्वारा गजट नोटिफिकेषन जारी किये जाने के बाद पूर्व आरक्षण समाप्त कर रिक्त पदों पर निर्वाचन कराया जाता है।
सूत्रों के अनुसार गुना की तरह प्रदेश के अशोकनगर एवं दतिया सहित करीब 15 जिलों में भी अपवर्जन की कार्यवाही संबंधित कलेक्टरों ने सम्पन्न नहीं कराई है।
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