कलश यात्रा के साथ हुआ सप्त दिवसीय संगीतमय भागवत कथा का श्रीगणेश
गुना (आरएनआई) श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पुराना आर टी ओ पर आयोजित होने वाली संगीतमय भागवत कथा का श्रीगणेश भब्य कलशयात्रा के साथ किया गया। कलशयात्रा का शुभारंभ जयस्तंभ चौराहा स्तिथ भगवान लक्ष्मीनारायण मंदिर से पूजन अर्चन कर किया गया। कलशयात्रा में महिलाओं द्वारा सुंदर परिधानों में कलश शिरोधार्य कर भजनों पर नृत्य करती हुई चल रही थी। यात्रा लक्ष्मीगंज होते हुए कथा स्थल पर पहुंची जहां कलश स्थापना के वाद पूजन अर्चन के वाद कथा का शुभारंभ मुख्य यजमान द्वारा विधिवत पूजनकर किया गया।
कथा व्यास पं. श्रवण भार्गव ने पहले दिन भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि मृत्यु को जानने से मृत्यु का भय मन से मिट जाता है, जिस प्रकार परीक्षित ने भागवत कथा का श्रवण कर अभय को प्राप्त किया, वैसे ही भागवत जीव को अभय बना देती है। प. भार्गव ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परमात्मा का अक्षर स्वरूप है। यह परमहंसों की संहिता है, भागवत कथा हृदय को जागृत कर मुक्ति का मार्ग दिखाता है। भागवत कथा भगवान के प्रति अनुराग उत्पन्न करती है। यह ग्रंथ वेद, उपनिषद का सार रूपी फल है। यह कथा रूपी अमृत देवताओं को भी दुर्लभ है।
भागवत कथा में भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, कर्मयोग, समाजधर्म, स्त्रीधर्म, राजनीति का ज्ञान होता है. भागवत कथा को सुनने से जीव का कल्याण होता है। कथा व्यास प. श्रवण महाराज गुना के ब्राह्मण भूषण सनत महाराज के सुपुत्र है जिन्हें भजनानंदी महाराज के नाम से जाना जाता हैं । सनत महाराज कैलाश मानसरोवर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, सहित मां नर्मदा जी की गुना से पैदल परिक्रमा कर चुके हैं। आप केदारनाथ पर केदारनाथ से ऊपर दुर्लभ पहाड़ी पर स्तिथ वस्तु तालाब से एक महीने निरंतर ब्रह्म कमल लाकर केदारनाथ पर समर्पित कर चुके हैं। सनत महाराज 16 से 18 घंटे तक एक ही बैठक में सवा लाख रुद्राक्ष के मोतियों की बनी माला से दुर्गम स्थानों पर महिनों जप कर चुके हैं। कथा का आयोजन दिनांक 19 जनवरी 2025 से 25 जनवरी 2025 तक प्रतिदिन दोपहर 1 वजे से 5 वजे तक किया जायेगा। कथा का आयोजन श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर समिति द्वारा भक्तों के सहयोग से किया गया हैं।
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