कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय का इस्तीफा
मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करेंगे। उन्होंने सोमवार को कहा था कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपना काम पूरा कर लिया है।
कोलकाता (आरएनआई) कलकत्ता हाई कोर्ट के तेज-तर्रार न्यायधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार यानी की आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का एलान किया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेज दिया है। इसके अलावा इस्तीफे की कॉपियां मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम को भी भेज दी गई है।
भाजपा में शामिल होने का एलान करने के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने बताया कि पार्टी उन्हें जो भी सीट देगी, वह वहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। एक प्रेस कॉन्फेरेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि वह सात मार्च को भाजपा में शामिल होंगे।
न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय शिक्षक भर्ती घोटाला सहित कई मामलों में एक के बाद एक अहम फैसले दिए। गौरतलब है कि गंगोपाध्याय इसी साल अगस्त में रिटायर होने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने से पहले अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को कहा कि उन्होंने न्यायाधीश के रूप में अपना काम पूरा कर लिया है। कुछ वकीलों और वादियों ने उनसे कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने बताया था कि वह इस्तीफा देने के बाद अपने भविष्य की योजनाओं का खुलासा करेंगे।
मंगलवार को इस्तीफा देने के बाद अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करेंगे। लोकसभा चुनाव से उन्होंने भाजपा में शामिल होने का एलान किया है। सोमवार को न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा था, "अदालत में एक न्यायाधीश उन मामलों से निपटता है जो उसके सामने आते हैं, वो भी अगर कोई व्यक्ति मामला दायर करता है तो। लेकिन जितना मैंने देखा और महसूस किया है हमारे देश में और हमारे राज्य पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में बहुत असहाय लोग हैं। इसलिए मैंने सोचा है कि केवल राजनीतिक क्षेत्र ही उन लोगों को उनके लिए कार्य करने का मौका दे सकता है जो उन असहाय लोगों के संबंध में कदम उठाना चाहते हैं।
उनके इस्तीफे की खबर के बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह राजनीतिक क्षेत्र में शामिल हो सकते हैं। अब उनके बयान से साफ हो गया है कि वह राजनीति का ही हिस्सा बनने जा रहे हैं।
जस्टिस गंगोपाध्याय वही हैं, जिन्होंने कभी सीबीआई को जांच की धीमी गति पर फटकार लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत की बात कही थी। वह हमेशा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निशाने पर रहे। वह अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले न्यायाधीश के रूप में जाने जाते हैं। कांग्रेस हो, सीपीएम हो या भाजपा। किसी भी राजनीतिक पार्टी को उन्हें लेकर परहेज नहीं है। सभी उनके स्वागत के लिए तैयार हैं। हाजरा कॉलेज, से लॉ की पढ़ाई करने वाले न्यायाधीश गांगुली राज्य सेवा के अधिकारी भी रहे चुके हैं। 61 वर्ष के गांगुली 2018 में कलकाता हाईकोर्ट में बतौर न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 2020 में उनकी नियुक्ति स्थायी हुई थी।
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