कन्या तारामंडल में दिखा विशाल ब्लैक होल, छोड़ रहा तेज चमक; वैज्ञानिकों ने अचानक सक्रिय देखा
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक अद्वितीय घटना है, जिसने ब्लैक होल की प्रकृति और उसके व्यवहार को लेकर स्थापित धारणाओं को चुनौती दी है। इस आकाशगंगा की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान पहली बार 2019 में गया, जब उसमें अचानक असामान्य चमक देखने को मिली। यह चमक इतनी तीव्र थी कि कई दूरबीनें अनायास ही उसकी ओर केंद्रित हो गईं।

नई दिल्ली (आरएनआई) खगोल विज्ञान की दुनिया में एक रहस्यमयी और रोमांचक खोज ने हलचल मचा दी है। वैज्ञानिकों ने कन्या (विर्गो) तारामंडल में स्थित एक दूरस्थ आकाशगंगा के केंद्र में विशालकाय ब्लैक होल को सक्रिय अवस्था में देखा है, जो अब तक निष्क्रिय माना जा रहा था। यह ब्लैक होल नियमित अंतराल पर तीव्र एक्स-रे विस्फोट उत्पन्न कर रहा है, जिससे खगोलविद हैरान और उत्साहित हैं। यह असामान्य गतिविधि आकाशगंगा पृथ्वी से लगभग 30 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर देखी गई है।
यह एक अद्वितीय घटना है, जिसने ब्लैक होल की प्रकृति और उसके व्यवहार को लेकर स्थापित धारणाओं को चुनौती दी है। इस आकाशगंगा की ओर वैज्ञानिकों का ध्यान पहली बार 2019 में गया, जब उसमें अचानक असामान्य चमक देखने को मिली। यह चमक इतनी तीव्र थी कि कई दूरबीनें अनायास ही उसकी ओर केंद्रित हो गईं। इसके बाद, 2024 में चिली के खगोलविदों ने इसे एक्स-रे दूरबीनों की निगरानी में लिया और पाया कि यह आकाशगंगा नियमित अंतराल पर एक्स-रे की तीव्र चमक छोड़ रही है।
आकाशगंगा के इस चमकीले और सघन क्षेत्र को वैज्ञानिकों ने सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक के रूप में पहचाना है और इसका उपनाम ‘एन्स्की’ रखा गया है। यह क्षेत्र अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जन कर रहा है जो ब्लैक होल के चारों ओर बनने वाली अभिवृद्धि (एक्रेशन) डिस्क की उपस्थिति का संकेत देता है। ब्लैक होल के पास जब कोई तारा बहुत अधिक निकट आ जाता है, तो वह गुरुत्वाकर्षण की अत्यधिक शक्ति से खिंचकर टूट जाता है। उसके अवशेष तेजी से घूमते हुए ब्लैक होल के चारों ओर डिस्क बनाते हैं और समय के साथ उसमें समा जाते हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान भारी मात्रा में एक्स-रे और अन्य विकिरण उत्सर्जित होते हैं।
शोध में पाया गया कि एन्स्की से निकलने वाली एक्स-रे चमक को वैज्ञानिकों ने क्वासिपेरियोडिक (क्यूपीई) विस्फोट की संज्ञा दी है। यह पहली बार है जब किसी ब्लैक होल में इस तरह के विस्फोट को स्पष्ट रूप से और इतने नियमित अंतराल में होते देखा गया है। इन विस्फोटों की खास बात यह है कि ये सामान्य क्यूपीई की तुलना में 10 गुना अधिक दीर्घकालिक और 10 गुना अधिक तीव्र हैं। हर एक विस्फोट अन्य क्यूपीई की तुलना में 100 गुना अधिक ऊर्जा उत्सर्जित कर रहा है।
ब्लैक होल और उसके व्यवहार को लेकर मौजूदा खगोलीय मॉडल इस घटना की व्याख्या करने में असमर्थ साबित हो रहे हैं। वैज्ञानिकों को इस असामान्य गतिविधि को समझने के लिए नए सिद्धांत गढ़ने पड़ रहे हैं। एक्सएमएम-न्यूटन टेलीस्कोप से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक डी जार्ज ने का कहना है एक परिकल्पना यह है कि एक्स-रे चमक तब उत्पन्न होती है जब कोई छोटा खगोलीय पिंड जैसे कि कोई तारा या ग्रह, ब्लैक होल की अभिवृद्धि डिस्क से गुजरता है जिससे उसमें विक्षोभ उत्पन्न होता है।
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