ओरिएंटेशन कार्यक्रम में हुआ इंटर्न लॉग बुक का विमोचन, आपकी पहली जिम्मेदारी मरीज की मदद करना है : किशन चौधरी
गलती के बाद स्वयं में सुधार करके होंगे कामयाब : वाइस चांसलर

मथुरा (आरएनआई) केएम विश्वविद्यालय में एमबीबीएस-2020 बैच के लिए इंटर्नशिप ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका शुभारंभ मुख्य अतिथि व विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी, कुलपति डा. एनसी प्रजापति, प्रति कुलपति डा. शरद अग्रवाल, मेडीकल सुप्रीटेंट डा. अभय सूद, मेडीकल प्राचार्य डा. पीएन भिसे ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित करके किया। इस दौरान नव प्रवेशित छात्रों के लिए इटर्न लॉग बुक का विमोचन भी किया गया।
एनाटॉमी डिपार्टमेंट के एचओडी डा. हरि नारायण यादव ने स्वागत भाषण दिया और नए इंटर्न छात्रों का बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया और छात्रों को पाठ्यक्रम के साथ-साथ पाठ्येतर गतिविधियों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करने के लिए एक प्रेरक भाषण दिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विवि के कुलाधिपति किशन चौधरी ने कहा आप सभी बधाई के पात्र है और मेरे लिए गौरव का विषय है। डाक्टर बनने की इच्छा आपके माता पिता ने पूरी करने का प्रण किया है, किताबी ज्ञान के बाद अब आपको प्रैक्टिल ज्ञान अर्जित करना है, चौबीस घंटे की जिम्मेदारी आपके ऊपर रहेगी। आपकी पहली जिम्मेदारी मरीज की मदद करना है, जिसका आप सभी को अच्छे से निर्वहन करना है। आपको पेसेंट के साथ ऐसा व्यवहार करना है कि वह जल्द से जल्द स्वास्थ हो जाए।
विवि के कुलपति डा. एनसी प्रजापति ने कहा आप सभी इंटर्नशिप में प्रवेश कर रहे है, आपको डाक्टर बनने के लिए अनुभव लेना, जिसके लिए आपके पास सीमित समय है। इस गोल्डन समय को व्यर्थ न करके अपने उच्चाधिकारी से जितना हो सके ज्ञान अर्जित करें। गलती करके उसका एहसास होने के बाद स्वयं में सुधार करेंगे तो आप कामयाब होंगे। विवि के प्रति कुलपति डा. शरद अग्रवाल ने कहा मरीज के साथ आपका व्यवहार अच्छा होना चाहिए। यूजी-पीजी से जहां सीखने को मिले, वहां सीखो एक अच्छे डाक्टर बनो और अच्छा करने की इच्छा रखो। मेडीकल प्राचार्य डा. पीएन भिसे ने कहा ज्ञान और मृदु व्यवहार ही डाक्टर का प्रमुख गुण होता है। डाक्टर मरीज के ज्यादा करीब होता है तथा उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कराहट तथा रोगी के प्रति विनम्र व्यवहार होना चाहिए। डाक्टर को चाहिए वह सही समय पर मरीज का इलाज करे, तभी आप मरीज की जिन्दगी बचा सकता है। इसलिए जितना सीखना, अनुभव हासिल करना होता है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से नेत्र विभाग के एचओडी मुकेश कुमार तनेजा, एफएमटी के एसोसिएट प्रो. डा. एसटी वली सहित सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
गौरतलब हो कि इंटर्नशिप एक सुविधाजनक अवधि है, जो कौशल को निखारती है और एक योग्य मेडिकल छात्र को एक सक्षम डॉक्टर के रूप में विकसित करने में मदद करती है। अंतिम पेशेवर परीक्षा सफलतापूर्वक पूरी करने के बाद एक अंतिम वर्ष के छात्र का एक ताजा इंटर्न के रूप में शामिल होने की भावना एक बफर कार्यक्रम के माध्यम से एक ब्रिजिंग पहल के बिना दिशाहीन होगी। नए इंटर्न को एक अलग अनुशासन के रूप में नहीं बल्कि एक पूरे के रूप में एक मरीज के साथ प्रभावी ढंग से काम करने के मूल सिद्धांतों के लिए उन्मुख होने की आवश्यकता है। यह अध्ययन इंटर्नशिप अभिविन्यास कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने और इस कार्यक्रम के बारे में प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया का आंकलन करने के लिए किया गया था।
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