ओबीसी महिलाओं को मिले संख्या के अनुपात में भागीदारी : ओबीसी महासभा
हरदोई। ओबीसी महासभा हरदोई द्वारा प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को संबोधित एक 18 सूत्रीय ज्ञापन उपजिलाधिकारी शाहाबाद पूनम भास्कर को सौंपा गया जिसमें मांग रखी गई कि राज्य सरकार कैबिनेट एवं विधानसभा सत्र बुलाकर ओबीसी की जातिगत जनगणना कराये जाने का प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजते हुए ओबीसी महासभा की मांग से अवगत कराये। मंडल आयोग की अनुशंसाओ को पूर्णतः लागू करते हुए राज्यवार विधानसभाओं में सीटें और लोकसभा में 353 सीटें आरक्षित की जाए।
केन्द्र सरकार द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 239 A में संशोधन करके महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का सम्बन्धित विधेयक के वर्तमान स्वरूप का ओबीसी महासभा प्रबल विरोध करती है तथा यह मांग करती है कि ओबीसी महिलाओं को भी संख्यात्मक सहभागिता के अनुरूप आरक्षण का प्रावधान किया जायें।
इसके अतिरिक्त संगठन ने मांग की कि सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण में असंवैधानिक क्रीमीलेयर की शर्तों में साजिशन सैलरी, कृषि आय को जोड़कर भविष्य में ओबीसी वर्ग की बहुत बड़ी आबादी को ओबीसी आरक्षण से बाहर किये जाने की सरकार की मंशा अनुरूप बी पी शर्मा रिपोर्ट पर रोक लगाते हुए असंवैधानिक क्रीमीलेयर को हटाया जाए। देशभर में EWS प्रक्रिया लागू होन के पश्चात 50% आरक्षण सीमा की बाध्यता समाप्त होने के कारण 54% से अधिक संख्या वाले पिछड़े वर्ग को सरकार द्वारा दिए गए 27% आरक्षण के विरूद्ध प्रस्तुत याचिकाओ में शासन का पक्ष मजबूती से रखते हुए, संविधान के अनु.16(4) के तहत शासकीय, अशासकीय, न्यायपालिका सहित समस्त क्षेत्रों में 54% ओबीसी आरक्षण लागू कराय जाना सुनिश्चित किया जाए।
UPPSC परीक्षा परिणाम में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के रिजल्ट को साजिशन रोकने वाले अधिकारियों के विरूद्ध FIR दर्ज कर कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ओबीसी वर्ग के पिछड़े, अतिपिछड़े कर्मचारियों-अधिकारियों, अधिवक्ताओं के साथ सामान्य वर्ग अधिकारियों द्वारा जातिगत भेदभाव के कारण शोषण, अन्याय अत्याचार के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिये ठोस जमीनी कदम उठाए जाए। उत्तरप्रदेश के गन्ना किसानों सहित देशभर में किसानों की वर्तमान उपज मूल्य बढ़ाकर तीन गुना किया जाए, स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट को लागू किया जाए।
कोलेजियम सिस्टम के द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया के समाप्त कर न्यायिक सेवा आयोग का गठन कर उसके माध्यम से परीक्षा के द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्तियां की जायें। बेरोजगार युवक - युवतियों के समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिये मासिक बेरोजगारी भत्ता, न्यूनतम आवेदन शुल्क, किराया भत्ता जैसी सुविधओं के साथ " रोजगार गारंटी बिल" लाया जाए।
केंद्र/राज्य सरकार में ओबीसी के रिक्त पदों (बैकलॉग) को अतिशीघ्र भरा जाए । ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को शासकीय नौकरियों से बंचित रखने की जातिवादी अधिकारयों की साजिशन मुहिम पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत केंद्रीय विद्यालय समकक्ष देशभर के विकासखण्ड में प्रस्तावित हज़ारों मॉडल स्कूल को बनाया जाना सुनिश्चित किया जाए। ओबीसी समाज के विरूद्ध हो रहे अत्याचारों पर अंकुश लगाने होने हेतु कानून बनाकर प्रभावी कदम उठायें जायें। लगातार शासकीय विभागों के किये जा रहे निजीकरण की प्रक्रिया को तत्काल बंद किया जाए संगठन इसका पुरजोर विरोध दर्ज कराता है।
वर्तमान समय में संविधान पर हो रहे प्रहार का ओबीसी महासभा प्रबल विरोध करती है संविधान रक्षा के लिए ओबीसी महासभा बृहत आन्दोलन के लिए सद्य होगी।
महासभा द्वारा पुलवामा अटैक की उच्चस्तरीय जांच कराये जाने व देश में होने वाले समस्त निर्वाचनों में ई. वी. एम. का प्रयोग बंद किये जाने की मांग की गई।
उपरोक्त मांगों पर तत्काल कार्यवाही कर पिछड़े वर्ग को सँख्या के अनुपात प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करते हुए ओबीसी समाज के साथ किये जा रहे अन्याय अत्याचार पर अंकुश लगाने के लिये कठोरतम कदम उठाए जाने की मांग की गयी अन्यथा की स्थिति में ओबीसी महासभा द्वारा आगामी दिवस में देशभर में आंदोलन करने की चेतावनी दी गई।
ज्ञापन के समय मिथिलेश कुमार प्रदेश महासचिव, जितेन्द्र सिंह कुशवाहा जिलाध्यक्ष हरदोई, बसंत गुप्ता, राजकुमार रावत, संतोष वर्मा, रोहित यादव, धर्मेन्द्र राजपूत, राजेश राजस्वी, प्रेमपाल उर्फ सतेन्द्र राजपूत आदि लोग उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?