एस.एस. कॉलेज के डी.एल.एड. विभाग में नव प्रवेशित प्रशिक्षुओं का हुआ स्वागत एवं परिचय कार्यक्रम

Dec 15, 2023 - 18:20
Dec 15, 2023 - 18:20
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एस.एस. कॉलेज के डी.एल.एड. विभाग में नव प्रवेशित प्रशिक्षुओं का हुआ स्वागत एवं परिचय कार्यक्रम

शाहजांहपुर, (आरएनआई) शिक्षा मानव व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम है। इसके द्वारा बालक का सर्वोत्तम विकास होता है। यह व्यक्ति के जीवन को एक नई दिशा देती है। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण किया जाता है। हमारे समाज में औपचारिक शिक्षा की संपूर्ण जिम्मेदारी एक शिक्षक की होती है। एक शिक्षक ही अपने छात्र की अंतर्निहित शक्तियों का प्रगटीकरण उसी प्रकार से करता है, जिस प्रकार बगीचे का एक माली किसी वृक्ष के बीज में एक विशाल वृक्ष बनने की शक्ति को पहचान कर उसे उचित भूमि मिट्टी व वातावरण देकर एक विशाल वृक्ष बनाता है। इसी प्रकार एक शिक्षक भी उस माली की भांति अपने छात्रों के विराट व्यक्तित्व को पहचान कर उसे उत्कृष्ट सामाजिक प्राणी बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विचार स्वामी शुकदेवानंद कॉलेज के प्रबंध समिति के सचिव डॉ. अवनीश कुमार मिश्र ने डी.एल.एड. नव प्रशिक्षुओं के स्वागत एवं परिचय कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि चूँकि यह प्रशिक्षण प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए है। अतः यह प्रशिक्षु भविष्य के प्राथमिक शिक्षक हैं। इन शिक्षकों की भूमिका सबसे अधिक होती है। क्योंकि यह शिक्षक बालक के प्रारंभिक काल से ही व्यक्तित्व को निखारने का कार्य करते हैं। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन व स्वागत गीत के साथ हुआ अतिथियों का स्वागत विभाग के प्राध्यापकों द्वारा पुष्प गुच्छ देकर किया गया।

डी.एल.एड. विभाग के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार मिश्र ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि एक प्राथमिक शिक्षक अपने छात्र में जो भी प्रारंभिक संस्कार, आदतें, अनुशासन, खान-पान, रहन-सहन आदि की आदतें विकसित करता है। इसका प्रभाव उसके सम्पूर्ण जीवन में दिखाई देगा क्योंकि प्रारंभिक अवस्था में सिखाई हुई चीजें हमें आजीवन प्रभावित करती हैं।

शिक्षक शिक्षा विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. प्रभात शुक्ल ने नव प्रवेशित प्रशिक्षुओं को उनके आगामी प्रशिक्षण की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि स्नातक या परास्नातक स्तर पर हम शिक्षा प्राप्त करते हैं परंतु डी.एल.एड. प्रशिक्षण मात्र शिक्षा ग्रहण करना ही नहीं बल्कि शिक्षा देने का प्रशिक्षण है। उन्होंने कहा कि अब आप केवल छात्र ही नहीं बल्कि छात्राध्यापक या छात्राध्यापिकाएं भी हैं। अतः आज से ही आप अपने व्यवहार में परिवर्तन करना शुरू कर दें।

कार्यक्रम की इसी कड़ी में विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री गौरव शर्मा द्वारा लिखित "प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य का तुलनात्मक अध्ययन" एवं "स्नातक स्तर के विद्यार्थियों में समाचारों के प्रति रुझान" इन दो पुस्तकों का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया।

कार्यक्रम का संचालन श्री अखिलेश तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शिक्षक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. मीना शर्मा, डॉ. विनीत श्रीवास्तव, डॉ. शैलजा मिश्रा, डॉ. के.के. मिश्रा, डॉ. प्रियंका, श्री गौरव शर्मा, श्रीमती अमिता रस्तोगी, श्रीमती शिवानी भारद्वाज, श्रीमती नीरज गुप्ता, श्री अभिषेक बाजपेई, श्री सर्वोत्तम शर्मा, श्रीमती रचना रस्तोगी, श्रीमती प्रतिभा शर्मा एवं जय सिंह आदि उपस्थित रहे। अंत में कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों, प्रवक्ताओं व प्रशिक्षुओं का आभार प्रदर्शन विभाग के शिक्षक श्री शैलेंद्र द्विवेदी के द्वारा किया गया।

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