एमपी स्टेट बार काउंसिल ने की हड़ताल समाप्ति की घोषणा
भारत के मुख्य न्यायधीश से दिल्ली में करेंगे मुलाकात
भोपाल। मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल समाप्ति की घोषणा कर दी गई है। स्टेट बार काउंसिल की आज बुलाई गई आपात बैठक में यह फैसला हुआ। 29 मार्च की शाम 4.30 बजे स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की दिल्ली में CJI (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) से मुलाकात होगी। मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदौरिया ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए वार्ता के लिए 29 मार्च का समय दिया है। मैं दिल्ली के लिए निकल रहा हूं। जब एक तरफ वार्ता की बात है, तो हम वकीलों का हड़ताल पर रहना उचित नहीं था। इस नाते सर्वसम्मति से इस हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया है। बता दें कि 23 मार्च से प्रदेशभर के वकील हड़ताल पर थे और किसी भी केस की पैरवी नहीं कर रहे थे।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने अधीनस्थ न्यायालयों को 25 चिह्नित मामले 3 महीने में निराकरण के आदेश दिए थे। जिला अभिभाषक संघ भोपाल के अध्यक्ष पीसी कोठारी ने बताया कि दिसंबर 2022 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने 25-25 पुराने प्रकरणों के त्वरित निपटारे के लिए मध्यप्रदेश के समस्त न्यायालयों के लिए आदेश पारित किया था। इसके कारण वकीलों के साथ पक्षकारों को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। जजों पर पुराने केसों के त्वरित निराकरण का दबाव है। ऐसे में जज नए प्रकरणों की सुनवाई नहीं कर रहे। नए प्रकरणों की लंबी-लंबी तारीखें लगा दी जा रही हैं।
गुरुवार से हाईकोर्ट समेत सभी 52 जिलों के न्यायालयों में हड़ताल जारी थी। इस हड़ताल में स्टेट बार एसोसिएशन भी शामिल था। वकीलों ने मांग रखी है कि पुराने 25-25 प्रकरणों की समयावधि 3-3 माह समाप्त की जाए। पुराने प्रकरणों की सुनवाई शुक्रवार, शनिवार को हो। बाकी प्रकरणों की सुनवाई नियमित रूप से की जाए। छोटे-छोटे प्रथम अपराधी की जमानत सेशन कोर्ट से निरस्त की जाती है। जिस कारण हाई कोर्ट में केस पेंडिंग हो रहे हैं। हड़ताल में प्रदेश भर के करीब 92 हजार वकील शामिल रहे।
मध्यप्रदेश में 23 मार्च से हड़ताल शुरू हुई थी। और 28 मार्च को हड़ताल का समापन हुआ। लेकिन भोपाल जिला अदालत में वकील 22 फरवरी से ही हड़ताल पर चले गए थे।
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