‘एमएसपी को कानूनी मान्यता देने के अपने वादे को क्यों तोड़ा?’ : जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा कि सांसद बृजभूषण सिंह को महिला पहलवानों के साथ किए गए गलत बर्ताव पर दंडित किया जाना था लेकिन पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके बेटे करण सिंह को टिकट दे दिया। भाजपा का यह फैसला उन बेटियों के चेहरे पर तमाचा है, जिन्होंने अपने करियर पर दांव लगा दिया।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि उन्होंने फसलों के लिए एमएसपी को कानूनी मान्यता देने के अपने वादे को क्यों तोड़ दिया। हरियाणा की महिला पहलवानों के विरोध का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा कि उन्होंने सांसद बृजभूषण सिंह पर आखिर क्यों कार्रवाई नहीं की, जिस पर महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोप है। गौरतलब है कि पीएम मोदी शनिवार को हरियाणा के अंबाला और सोनीपत में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
रमेश ने आरोप लगाया कि हरियाणा के किसानों ने दोगली मोदी सरकार पर से पूरी तरह से भरोसा खो दिया है। 2021 में प्रधानमंत्री के आश्वासन के कारण किसानों ने विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया। वे वापस चले गए। उन्हें लगा कि उनकी मांगे पूरी हो जाएंगी। मोदी सरकार की किसान संगठनों के साथ बातचीत धीमी हो गई। भाजपा ने एमएसपी के सवाल पर विचार-विमर्श के लिए एक पक्षपातपूर्ण समिति नियुक्त की। इसमें से एक स्वतंत्र सदस्य ने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। विश्वासघात के बाद, किसान संगठनों को मजबूर होना पड़ा। एक बार फिर सड़कों उन्हें अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ी। किसानों की बातों को सुनने के बजाए सरकार ने उन पर लाठियां बरसाईं। आंसू गैस के गोले छोड़े।
जयराम रमेश ने कहा कि सांसद सिंह को महिला पहलवानों के साथ किए गए गलत बर्ताव पर दंडित किया जाना था लेकिन पार्टी ने कैसरगंज लोकसभा सीट से उनके बेटे करण सिंह को टिकट दे दिया। भाजपा का यह फैसला उन बेटियों के चेहरे पर तमाचा है, जिन्होंने अपने करियर पर दांव लगा दिया। वे न्याय की लड़ाई के लिए कई दिनों तक धूप और बारिश में सड़कों पर सोईं रहीं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में नारी शक्ति सिर्फ एक नारा है। मोदी सरकार में यौन हिंसा के अपराधियों को आश्रय दिया गया, चाहे बृजभूषण सिंह हो या फिर प्रज्ज्वल रेवन्ना। क्या पीएम मोदी के राज्य में महिलाएं कभी सुरक्षित रह पाएंगी।
भाजपा शासन के तहत, हरियाणा अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ हिंसा और भेदभाव के लिए कुख्यात हो गया है। गांव के हैंडपंपों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध से लेकर खुलेआम हिंसा और यौन उत्पीड़न तक, दलितों को हरियाणा में अपनी गरिमा और सुरक्षा के लिए लगातार जिल्लत सहना पड़ रहा है। पीड़ित जब न्याय के लिए अदालत जाते हैं तो प्रमुख जातियां उनका सामाजिक बहिष्कार करती हैं। उन्होंने प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ने के लिए कहा है।
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