एमएसएमई उद्यमियों को एक बार में दिया गया 50 हजार करोड़ का लोन
सीएम योगी ने कहा कि कोविड महामारी के बावजूद पिछले 5 से 6 वर्षो में उत्तर प्रदेश का क्रेडिट और डेबिट अनुपात 10 से 11 फ़ीसदी बढ़कर 55-56 फ़ीसदी हो गया।
लखनऊ। (आरएनआई) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लघु, सूक्ष्म और मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के उद्यमियों को 50,000 करोड़ रुपए देकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने विश्वकर्मा जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित एक कार्यक्रम में एमएसएमई जुड़े उद्यमियों को यह सौगात दी है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने एक बार में इतने बड़े पैमाने पर उद्यमियों को ऋण दिया है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। कार्यक्रम में सीएम योगी ने कहा कि डबल इंजन सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश का नौजवान, महिला, व्यापारी और उद्यमी आत्मनिर्भर बने।
सीएम योगी ने शनिवार को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना के अंतर्गत लोकभवन में आयोजित टूल किट वितरण एवं एमएसएमई जुड़े उद्यमियों के ऋण वितरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रभावी ढंग से धरातल पर उतार रहा है। सीएम योगी ने कहा कि 2018 में हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश के परंपरागत उद्यम के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना प्रारम्भ की थी, जो यूपी की अभिनव पहल थी। इसका उद्देश्य केवल प्रदेश के हुनर को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना ही नहीं था बल्कि उत्तर प्रदेश को निवेश के एक बेहतरीन गंतव्य के रूप में स्थापित करना भी था, जिसमें यह योजना सफल रही।
उत्तर प्रदेश की एक जिला एक उत्पाद योजना को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकल फॉर ग्लोबल और आत्मनिर्भर भारत योजना की आधारशिला माना है। आज देखते ही देखते यूपी की एक जिला एक उत्पाद योजना पूरे देश की योजना बन गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा उद्यम या उद्योग तब तक सफल नहीं हो सकता है, जब तक की एमएसएमई का एक बेहतरीन क्लस्टर उसके पास नहीं न हो। उत्तर प्रदेश इस नजरिए से सौभाग्यशाली है क्योंकि यहां एमएसएमई की 96 लाख से ज्यादा इकाइयां चल रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि एमएसएमई ने उत्तर प्रदेश को नई पहचान दी है। इस योजना ने यूपी में रोजगार सृजन और एक्सपोर्ट को बढ़ाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन किया है।
कोविड महामारी के बावजूद पिछले 5 से 6 वर्षो में उत्तर प्रदेश का क्रेडिट और डेबिट अनुपात 10 से 11 फ़ीसदी बढ़कर 55-56 फ़ीसदी हो गया। इसे हमें बढ़ाकर के 60 से 62 फ़ीसदी तक ले जाएंगे। इस लक्ष्य के साथ आगे हमें काम करना है। इसके लिए बड़े पैमाने पर रोजगार मेले के आयोजन, ट्रेनिंग और लोगों को डिजिटल पेमेंट के साथ जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त हस्तशिल्पियों के हुनर को आगे बढ़ाने में पूरा सहयोग करेगी।
गौरतलब हो की प्रदेश की योगी सरकार राज्य के युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों और छोटे उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इस दिशा में पिछले छह वर्ष में 1.90 लाख हस्तशिल्पियों, कारीगरों एवं छोटे उद्यमियों को 16 हजार करोड़ रुपए का ऋण वितरित कर चुकी है। वहीं आज के 50,000 करोड़ रुपए के ऋण वितरण के साथ यह आंकड़ा 66 हजार करोड़ रुपए का हो जाता है।
कार्यक्रम में सीएम योगी ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना और ओडीओपी योजना के कुछ लाभार्थियों को प्रतिकात्मक तौर टूल किट दिया। साथ ही एमएसएमई उद्यमियों को ऋण भी वितरित किया। कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु और मध्यम विभाग के मंत्री राकेश सचान, मुख्यमं सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अवस्थापना और औद्योगिक विकास के आयुक्त मनोज कुमार सिंह, क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व बैंक डॉक्टर बालू और अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद समेत आन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वकर्मा जयन्ती पर हस्तशिल्पियों, कारीगरों और अभियन्ताओं सहित सभी प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। शनिवार को जारी शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश व प्रदेश के आर्थिक विकास में तकनीकी विशेषज्ञों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। प्रदेश में बड़ी संख्या में कारीगर और हस्तशिल्पी पारम्परिक कार्यों से जीविकोपार्जन करते हैं। उन्होंने कहा कि यह हस्तशिल्पी और कारीगर अपने काम में अत्यन्त प्रतिभाशाली हैं। इनकी प्रतिभा निखारने के लिए प्रशिक्षण और व्यवसाय में वृद्धि के उद्देश्य से ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना और ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयन्ती सृजन व निर्माण के प्रति हम सभी को प्रतिबद्ध होने का संदेश देती है।
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