एक बार पुनः देश का तिरंगा फहराएंगे पर्वतारोही अभिनीत
>हरदोई (आरएनआई)आज जिलाधिकारी कार्यालय पर डीएम एमपी सिंह ने पर्वतारोही अभिनीत मौर्य को तिरंगा देकर एक नए अभियान के लिए शुभकामनाएं दी। पर्वतारोही अभिनीत कल एक नए अभियान के लिए अपने गृह जनपद हरदोई से रवाना होंगे। अभिनीत इस बार माउंट यूनम पर चढ़ाई करके देश की आन बान शान तिरंगा को फहराने के लिए आज जिलाधिकारी से मुलाकात करके, एक नए मिशन के लिए निकले।
माउंट यूनम हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति घाटी में बारालाचा दर्रे के पास लाहौल घाटी की सबसे ऊंची चोटी है। यह चंद्रभागा और मुल्किला रेंज के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। चढ़ाई करना कठिन हो सकता है लेकिन यह बढ़ने से आसान है। जिसकी ऊंचाई 20300 फीट है । इस अभियान के लिए पर्वतारोही ने बताया कि इस अभियान में लगभग 8 से 10 दिन लगेंगे । इस अभियान की शुरुआत पर्वतारोही मनाली से करेंगे, पहले दो दिन मनाली में पर्वतारोहण अभियान के लिए अभ्यास करेंगे ,उसके बाद केलांग पहुचेंगे, फिर भरतपुर बेस कैंप पहुंचकर मुख्य अभियान की शुरुआत होगी । डीएम एमपी सिंह ने कहा पर्वतारोही अभिनीत ने देश, प्रदेश व जिले का नाम पहले भी रोशन किया है और अभिनीत आगे भी ऐसे ही देश का नाम रोशन करते रहो । मेरी शुभकामनाएं आपके साथ है। आपकी उपलब्धियां युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पर्वतारोही अभिनीत ने इसके पहले यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस व अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा फहराया है साथ ही देश की कई ऊंची चोटियों पर सफलता पूर्वक चढ़ाई कर देश का तिरंगा फहराया है । इस अभियान को पूरा करने के बाद माउंट केन्या के लिए तैयारी में लगे हुए हैं। यह अफ्रीका महाद्वीप की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है जो कि केन्या देश में स्थिति है। अभिनीत एक कृषक परिवार से ताल्लुक रखते हैं और सीमित संसाधनों में रहकर देश का नाम रोशन करने के लिए सदैव प्रयास करते रहते है। अभिनीत ने बताया कि अभी तक जनपद के किसी जनप्रतिनिधि व निजी संस्था का सहयोग नहीं मिला है , अभिनीत के बड़े भाई नागेश्वर गाँव में जनसेवा केंद्र चलाते हैं, और अभिनीत के सपनो को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। अभिनीत का कहना है कि उन्हें कोई संस्था, फाउंडेशन या जनप्रतिनिधि सहयोग करे और वो जल्द ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराएंगे। अभिनीत ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि मेरे पास भी सीमित संसाधन थे, लेकिन मैंने अपने लक्ष्य के लिए दिन रात मेहनत करके पर्वतारोहण क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर रहा हूं। मेरा सभी युवाओं से कहना है कि अपने लक्ष्य के लिए सदैव प्रयास करें सफलता आपको अवश्य मिलेगी। अभिनीत ने राष्ट्रकवि की पक्तियों
*लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती *
को अपने जीवन में उतारा और वो सच साबित हुई।
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