ऋषि ने दिया श्राप
(आर एन आई) लेकिन जब कण्व ऋषि लौटे तो उन्होंने कन्या और राजा दोनों को कुरूपता का श्राप दे दिया, लेकिन कन्या ने कहा कि मैंने ही उसे पति के रूप में चुना है, श्राप से मुक्ति पाने के लिए ऋषि ने उन दोनों को महाकालवन भेज दिया, जहां एक रूप देने वाले लिंग के दर्शन कर दोनों सुंदर हो गए, यह लिंग रूपेश्वर के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
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