उमंग सिंघार ने लोकायुक्त दफ्तर में लगी आग को बताया साजिश
मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि लोकायुक्त कार्यालय में आग साजिश के तहत लगाई गई थी। यहां मौजूद घोटालों की फाइल जलाने की कोशिश की गई है।
भोपाल (आरएनआई) राजधानी भोपाल के लोकायुक्त कार्यालय परिसर में रविवार दोपहर लगी आग में सियासत शुरू हो गई। मामले को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां पर घोटालों की फाइलों को जलाने की साजिश के तहत आग लगाई गई थी।
सोमवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोकायुक्त कार्यालय में सिंहस्थ घोटाले की जांच की एक फाइल है, जिसमें सैकड़ों एकड़ जमीन की हेरा-फेरी हुई। कई नेताओं के करीबियों और कंपनियों के नाम हैं। लोकायुक्त कार्यालय में लगी आग में कहीं सिंहस्थ की उस फाइल को जलाने की कोशिश तो नहीं की गई।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश में सरकारी कार्यालयों में आग का दौर चल रहा है। पहले सतपुड़ा भवन, वल्लभ भवन में आग लगी। अब लोकायुक्त कार्यालय में आग लगना भी महत्वपूर्ण है। सिंघार ने मामले की ज्यूडिशियल जांच कराने की मांग की है। सिंघार ने कहा है कि लोकायुक्त की जिस प्रकार से नियुक्ति हुई। शनिवार को आदेश हुआ और रविवार को शपथ दिलाई गई। आनन-फानन में तत्काल नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया। इसके पीछे क्या कारण है। क्योंकि, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट भी गया हूं। कहीं न कहीं, सरकार डरी हुई है कि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ निर्णय न दे दे।
उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी जिस प्रकार से SIT गठित करते हैं और उसकी लीपा-पोती करते हैं। अब तक की जो जांचें हुई हैं, मुझे नहीं लगता कि इसकी निष्पक्ष जांच होगी। लेकिन, मैं कांग्रेस विधायक दल की ओर से कहना चाहता हूं कि इसको विधानसभा में उठाया जाएगा और प्रदेश में कई घोटाले हो चुके हैं, उनकी लंबी लिस्ट है। इन घोटालों को लेकर अभी तक सही स्पष्ट जांच पटल पर जनता के सामने क्यों नहीं आ रही?
नेता प्रतिपक्ष ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डीन की नियुक्तियों और पिछले साल कायाकल्प अभियान में स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई खरीदी पर भी सवाल उठाए। सिंघार ने कहा कि मैंने समाचारों में देखा कि डीनों की नियमों के विरुद्ध फर्जी भर्ती हो गई है। इसके पहले कायाकल्प अभियान में करोड़ों रुपये आया था। स्वास्थ्य विभाग ने बडे़ पैमाने पर खरीद-फरोख्त की थी। जिलों के अस्पतालों में डिमांड नहीं थी। इसके बावजूद सबको फर्नीचर दिया गया। यह भी एक बड़ा घोटाला है। यह सारी फाइलें लोकायुक्त की लाइन में थीं। वहां पर आग लगना ही मूल कारण है कि इन मामलों को दबाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। विशेष रूप से अलग से समिति गठित होनी चाहिए, चाहे जुडिशल जांच होनी चाहिए। मैं चाहता हूं कि सरकार निष्पक्ष रूप से कार्रवाई करे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कागज पर नियम तो है, लेकिन सरकार के कागज के नियम सरकार के ही संस्थानों में लागू नहीं होते। आम व्यक्ति, दुकानदारों पर लागू होते हैं, बाजार में आग लगती है। होटल में आग लगती है तो उस पर उन नियमों पर लागू कर देते हैं। लेकिन सरकार सतपुड़ा, वल्लभ भवन में बैठे उच्च अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती।
नेता प्रतिपक्ष ने मध्यप्रदेश में चल रहे नरसिंह घोटाले को लेकर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग को घेरा है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कॉलेजों में डॉक्टर फर्जी, नर्स फर्जी, मरीज असली हैं। प्रदेश के अंदर मरीज के जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आम जनता के परिवारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मैं समझता हूं कि विश्वास सारंग के कार्यकाल में जिस प्रकार से डेढ़ सौ नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता दी गई। सबसे पहले अधिकारियों के साथ विश्वास सारंग पर कार्रवाई होनी चाहिए। लाखों रुपये लेकर क्यों को मान्यता दी गई? अधिकारियों की मिली भगत से मुख्यमंत्री जी अपने मंत्री के खिलाफ कब कार्रवाई करेंगे?
उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में नौतपा का दौर चल रहा है। पिछले विधानसभा सत्र में मैं यह मुद्दा उठा चुका हूं और इस बार भी उठाऊंगा कि जल जीवन मिशन में 20,000 करोड़ का घोटाला हुआ। दो-दो करोड़ की पाइप लाइन फूट गई। छह महीना के अंदर ठेकेदार 40-50 पर्सेंट कमीशन देकर पैसे निकाल कर निकल गए। उस पर सरकार ने अब तक जांच क्यों नहीं कराई? यह गंभीर विषय है कि आज प्रदेश के अंदर पानी का संकट है। कई किलोमीटर जाकर महिलाओं को पानी लेना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश भर में पांच जून से 15 जून तक चलने वाली अभियान पर कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने भी 25,000 करोड़ का गंगा सफाई अभियान चलाया था। गंगा की सफाई हुई क्या? यह सब को पता है पहले भी शिवराज सिंह ने यहां पर नर्मदा में पौधारोपण कराया था। उसकी भी मैंने जांच कराई थी। वही, मुख्यमंत्री ने अपनी जांच को खत्म कर दिया था। इस प्रकार के घोटाले के नाम पर यह योजना बनाई जाती हैं और खुलेआम सरकारी धन का दुरुपयोग होता है।
मध्यप्रदेश के सीधी में आदिवासी सात बच्चियों के साथ बलात्कार की घटना को लेकर उमंग सिंघार ने कहा, मैंने इस मामले को लेकर तीन विधायकों की कमेटी बनाई है। फुन्देलाल मार्को, संजय उईके और अनुभा मुंजारे ये तीनों विधायक एक-दो दिन में वहां जाएंगे और पूरी जांच रिपोर्ट देंगे। उसके बाद वस्तुतः स्थिति पता चलेगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मैंने कल ही कहा कि मुख्यमंत्री जी अपनी ब्रांडिंग में लगे हुए हैं। यादव के रूप में अखिलेश यादव और लालू यादव से बड़े नेता बनना चाहते हैं। लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था के प्रति वे गंभीर नहीं हैं। अपनी ब्रांडिंग करना चाहते हैं। चूंकि, विभाग उनके पास है। इसलिए यहां प्रदेश की जनता की सुरक्षा की जवाबदारी मुख्यमंत्री की है।
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