'उभरती हुई तकनीकें बदल रहीं युद्ध का स्वरूप', राजनाथ बोले- गोली चलाए बिना जीती जा रहीं लड़ाईयां
राजनाथ सिंह ने कहा कि 'सशस्त्र बलों को अब विभिन्न क्षेत्रों जैसे साइबर, अंतरिक्ष और सूचना क्षेत्र आदि में मिलकर काम करने की जरूरत है क्योंकि अब यही लड़ाईयां, पारंपरिक लड़ाई बन चुकी हैं।'

चेन्नई (आरएनआई) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक बयान में मौजूदा दौर की सुरक्षा चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज संघर्षों के दौरे में हाइब्रिड युद्ध, साइबर हमले और भ्रामक प्रचार ऐसे औजार बन गए हैं, जो राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पारंपरिक लड़ाई के तौर तरीकों की परिभाषा पूरी तरह से बदल चुकी है।
तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज के दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि 'दुनियाभर में चल रहे संघर्षों से पता चलता है कि पारंपरिक लड़ाई के तौर तरीके बदल चुके हैं और उन्हें फिर से परिभाषित किया जा रहा है। उभरती हुई तकनीकें युद्ध के स्वरूप को बदल रही हैं और आज का युग एआई और अनमैन्ड सिस्टम का युग है। आज युद्ध जमीन, समुद्र और हवा के पारंपरिक क्षेत्रों से आगे निकल चुका है।' राजनाथ सिंह ने कहा कि 'सशस्त्र बलों को अब विभिन्न क्षेत्रों जैसे साइबर, अंतरिक्ष और सूचना क्षेत्र आदि में मिलकर काम करने की जरूरत है क्योंकि अब यही लड़ाईयां, पारंपरिक लड़ाई बन चुकी हैं।'
रक्षा मंत्री ने कहा कि 'आज हम ऐसे युग में जी रहे हैं, जहां साइबर हमले, भ्रामक सूचनाएं और आर्थिक हमले अपने राजनीतिक और सैन्य उद्देश्यों को पूरा करने का औजार बन गए हैं और ये बिना एक गोली चलाए भी अपने उद्देश्यों को पूरा कर सकते हैं।' उन्होंने कहा कि 'आज भारत के सामने कई गंभीर चुनौतियां हैं। हम उत्तरी और पश्चिमी सीमा पर खतरों का सामना कर रहे हैं। प्रोक्सी युद्ध और आतंकवाद से यह समस्या और बढ़ गई है।'
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