उपराष्ट्रपति ने संविधान को उसके प्रामाणिक रूप में उपलब्ध कराने का आह्वाहन किया
नई दिल्ली (आरएनआई) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर अपना दु:ख व्यक्त किया कि हमारे बच्चों को संविधान की वह प्रति नहीं दिखाई जाती, जिस पर संविधान सभा के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं।
आधिकारिक विज्ञप्ति अनुसार उपराष्ट्रपति ने इसका उल्लेख किया कि इस मूल दस्तावेज में 22 लघु चित्र शामिल हैं, जिन्हें संविधान के हर एक भाग से पहले सोच-समझकर रखा गया है।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “इन लघुचित्रों के माध्यम से संविधान निर्माताओं ने हमारी 5,000 साल पुरानी संस्कृति का सार व्यक्त किया है। लेकिन आप इन्हें देख नहीं पाए हैं, क्योंकि ये पुस्तकों का हिस्सा नहीं हैं।
उन्होंने केंद्रीय विधि मंत्री से यह सुनिश्चित करने के लिए पहल करने का अनुरोध किया कि देश को उसके प्रामाणिक रूप में संविधान की कॉपी उपलब्ध करवाई जाए, जैसा कि हमारे संस्थापकों ने हमें दिया था।एल.एस.
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