उद्घाटन से पहले अबु धाबी में बापस मंदिर पहुंचे कई देशों के प्रतिनिधि
बीएपीएस हिंदू मंदिर प्रोजेक्ट के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने भारत और यूएई का आभार व्यक्त किया। यूएई में नेपाल के राजदूत तेज बहादूर छेत्री ने मंदिर को तीर्थभूमि बताया। उन्होंने कहा कि यह एक प्रेरणादायक इमारत है
अबु धाबी (आरएनआई) संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने अबु धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन से पहले यहां दुनियाभर के कई राजनायिकों की मेजबानी की। सभी राजनायिक मंदिर की वस्तुकला, जटिल रूपांकनों और एकता के संदेशों को देखकर खुश हुए।
यूएई में भारतीय दूतावास की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी पोस्ट में कहा गया, बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन में अब एक महीने से कम का समय शेष है। राजदूत संजय सुधीर ने मंदिर के विशोष दौरे पर दुनियाभर के राजनायिकों की मेजबानी की। वे सभी मंदिर की वस्तुकला और जटिल रूपांकनों को देखकर आश्चर्यचकित रह गए।
बीएपीएस हिंदू मंदिर की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने 42 देशों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण दिया था। इसमें अर्जेंटीना, अर्मेनिया, बहरीन, बांग्लादेश, बोस्निया, हर्जेगोविना, कनाडा, चैड, चिली, चेक गणराज्य, साइप्रस, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, यूरोपीय संघ,फिजी, गाम्बिया, जर्मनी, घाना, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, मोल्दोवा, मोंटेनेग्रो, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, नाइजीरिया, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, स्वीडन, सीरिया, थाईलैंड, यूएई, यूके, यूएस, जिम्बाब्वे और जाम्बिया के प्रतिनिधि शामिल थे।
करीबन 60 गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत माला पहनाकर किया गया। इसके साथ ही उनकी उपस्थिति के महत्व को दर्शाते हुए उन्हें पवित्र धागा भी बांधा गया। भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने एक छोटे से संबोधन के साथ अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'यह असंभव जैसा लग रहा था, लेकिन सपना पूरा हो गया।
बीएपीएस हिंदू मंदिर प्रोजेक्ट के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने भारत और यूएई का आभार व्यक्त किया। यूएई में नेपाल के राजदूत तेज बहादूर छेत्री ने मंदिर को तीर्थभूमि बताया। उन्होंने आगे कहा, 'यह एक प्रेरणादायक इमारत है, जो हमें प्यार, सद्भाव और सहिष्णुता के बारे में बताता है। यह कुछ ऐसा है, जिसे हम अपने आने वाली पीढ़ियों को तोहफे के तौर पर दे सकते हैं। महंत स्वामी महाराज एक महान साधु हैं। उनसे ही लोगों को मंदिर बनाने की प्रेरणा मिली। यह एक बड़ी कामयाबी है।
थाईलैंड के राजदूर सोरायुत चसोम्बत ने कहा, 'यूएई में यह अबतक का मेरा सबसे अच्छा अनुभव है। मैंने इस मंदिर के निर्माण से लेकर अब अंत देख रहा हूं। मैं यह कहना चाहता हूं कि यह सद्भाव का उदाहरण है। मैं भारत और यूएई का आभार व्यक्त करता हूं।
विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का यह दौरा यूएई के साथ अपने देश की सांस्कृतिक मेलजोल, शांति और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महंत स्वामी महाराज 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं।
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