'ईवी के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे की जानकारी दे केंद्र', अदालत ने चार सप्ताह का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ईवी की खरीद और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों के उचित कार्यान्वयन की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार को ईवी के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना चाहिए।

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर किए गए अपने नीतिगत निर्णयों और उनके लिए उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे से अवगत कराए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि को अपने प्रश्नों का उत्तर देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया और मामले की सुनवाई 14 मई को तय की।
शीर्ष अदालत ईवी की खरीद और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नीतियों के उचित कार्यान्वयन की मांग करने वाली एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार को ईवी के लिए बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराना चाहिए।
भूषण ने आगे कहा कि खराब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर लोगों के लिए सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है, क्योंकि वर्तमान में चार्जिंग स्टेशन 400 किलोमीटर की दूरी पर हैं। भूषण ने पूछा कि अगर सरकार अपने विभागों के लिए ईवी के इस्तेमाल पर पहले कार्रवाई नहीं करती है तो दूसरे विभाग कैसे इसका अनुसरण कर सकते हैं, इस पर जस्टिस कांत ने कहा कि यह सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि दूसरे संस्थानों को भी आगे आना होगा।
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