ईरान समर्थित हिजबुल्लाह ने इस्राइली माउंटेन बेस को निशाना बनाया, 'सबसे बड़ा' हवाई हमला बताया
लेबनान के हिजबुल्लाह आंदोलन ने रविवार को दावा किया है कि उसने अपना "सबसे बड़ा" हवाई अभियान शुरू किया है, जिसमें गोलान हाइट्स में पर्वत की चोटी पर स्थित इस्राइली सैन्य खुफिया अड्डे पर विस्फोटक ड्रोन भेजकर हमला किया है। सीमा पार से बढ़ती गोलीबारी के बीच यह इस हमले ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है।
बेरूत (आरएनआई) लेबनान के हिजबुल्लाह आंदोलन ने रविवार को दावा किया है कि उसने अपना "सबसे बड़ा" हवाई अभियान शुरू किया है, जिसमें गोलान हाइट्स में पर्वत की चोटी पर स्थित इस्राइली सैन्य खुफिया अड्डे पर विस्फोटक ड्रोन भेजकर हमला किया है। सीमा पार से बढ़ती गोलीबारी के बीच यह इस हमले ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है।
इस्राइली सेना ने कहा कि एक विस्फोटक ड्रोन "माउंट हर्मन में एक खुले क्षेत्र में गिरा है लेकिन इसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ है।
पिछले साल 7 अक्तूबर को इस्राइल पर फलिस्तीनी समूह के हमले के बाद से गाजा पट्टी में युद्ध चल रहा है। इसमें ईरान समर्थित हमास के सहयोगी हिजबुल्लाह का इस्राइल के सुरक्षा बलों के साथ लगातार गोलीबारी हो रही है।
अपने हवाई बलों द्वारा किए गए "सबसे बड़े ऑपरेशन" की घोषणा करते हुए, हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि उसके लड़ाकों ने माउंट हर्मन पर "टोही केंद्र को निशाना बनाने के लिए ड्रोन से लगातार स्क्वाड्रन" भेजे हैं।
हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइली शहरों पर पांच हजार से ज्यादा रॉकेट दागकर हमले की शुरुआत की थी। इसके बाद हमास के आतंकियों ने इस्राइल में घुसकर लोगों को मौत के घाट उतारा। इसके जवाब में इस्राइल ने हमास आतंकियों के खिलाफ गाजा में ऑपरेशन शुरू किया था। इस ऑपरेशन में गाजा स्थित हमास के ठिकानों पर जबरदस्त बमबारी की गई है, जिससे अधिकतर गाजा खंडहर में तब्दील हो गया है। अब तक इस्राइल और गाजा में कुल मिलाकर 37000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
हमास के रुख में यह बदलाव कतर में इस्राइल और हमास के प्रतिनिधियों के बीच फिर से शुरू हुई वार्ता के बीच आया है। बता दें, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से व्यापक समझौते पर मध्यस्थता के उद्देश्य से विस्तृत चर्चा करने की अनुमति मिलने के बाद यह बातचीत फिर से शुरू हुई।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया ने मध्यस्थों से मिलने तथा युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई को शामिल करते हुए संभावित नए समझौते की शर्तों पर चर्चा करने के लिए कतर की यात्रा की। वहीं एक इस्राइली मसौदा प्रस्ताव का विवरण स्थानीय मीडिया में सामने आया है। इसमें एक तय समय सीमा के भीतर बातचीत शुरू करने के प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने से परहेज किया है।
हमास और इस्राइल के बीच एक समझौते को सुरक्षित करने के प्रयासों को हाल के महीनों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। नेतन्याहू पर इस्राइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए दक्षिणपंथी मंत्रियों और बंधकों के परिवारों सहित विभिन्न क्षेत्रों से दबाव है।
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