ईडी ने ऑडिट कंपनी कर्मचारी गौरव मेहता के बयान दर्ज किए
बिटकॉइन पोंजी घोटाले के संदिग्ध गौरव मेहता के खिलाफ ईडी और सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। ईडी ने उनके रायपुर स्थित घर पर छापेमारी की और उनसे पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। वहीं, सीबीआई ने उन्हें समन भेजा है और उनसे जल्द से जल्द जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा है।
मुंबई (आरएनआई) ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई ने बुधवार को 6,600 करोड़ रुपये के कथित बिटकॉइन पोंजी घोटाले के संदिग्ध गौरव मेहता के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी। गौरव मेहता दोनों एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई के केंद्र में रहे। ईडी ने उनके रायपुर स्थित घर पर छापेमारी की और उनसे पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। साथ ही कुछ कंप्यूटर और डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए। सीबीआई ने उन्हें समन भेजा है और उनसे जल्द से जल्द जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा है।
संघीय एजेंसियों द्वारा जांच तेज किए जाने के बाद भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा (सपा) नेता चुनावों को प्रभावित करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, इन आरोपों का राकांपा (सपा) नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने खंडन किया और कहा कि भाजपा द्वारा जारी वॉयस नोट्स फर्जी हैं।
यह जांच 2023 में जारी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई। सीबीआई ने पिछले महीने गेन बिटकॉइन पोंजी स्कीम मामले से संबंधित तीन मामले दर्ज किए हैं। एजेंसी ने पिछले साल इस मामले में तीन लोगों- सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। एफआईआर में मुख्य आरोपी अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज का नाम है। अमित की पहले दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है, जबकि अजय और महेंद्र अभी फरार हैं। ईडी ने कहा कि उसने पहले मामले में 69 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
पहले ईडी ने आरोप लगाया था कि भारद्वाज बंधुओं ने निवेशकों को धोखा दिया और इसके आधार पर दिल्ली, पुणे और कुछ अन्य जगहों पर एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद सीबीआई की जांच शुरू हुई।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी ने बिटकॉइन पोंजी घोटाले में अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच का दायरा बढ़ा दिया है। वह राजनेताओं, राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्तियों और नौकरशाहों के साथ गौरव मेहता और कुछ अन्य लोगों के रिश्तों की जांच कर रही है।
यह जांच एक दिन बाद शुरू हुई जब भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ऑडियो क्लिप दिखाई, जिसमें एनसीपी (सपा) सांसद सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख नाना पटोले पर आरोप लगाया गया कि वे एक पूर्व पुलिस कमिश्नर और एक डीलर के साथ मिलकर चुनाव परिणामों को महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के पक्ष में करने के लिए अवैध लेन-देन कर रहे थे। हंलाकि सुले ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि रिकॉर्डिंग में उनकी आवाज नहीं है और भाजपा पर "सस्ती राजनीति" करने का आरोप लगाया।
सुले ने कहा कि उन्होंने झूठे आरोपों के खिलाफ चुनाव आयोग और राज्य के साइबर अपराध विभाग में शिकायत दर्ज की है। उन्होंने यह भी कहा कि वह गौरव मेहता को नहीं जानतीं हैं। पटोले ने भी भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि इस क्लिप में उनकी आवाज नहीं है।
पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल ने भी यह दावा किया कि मेहता ने उन्हें कुछ वॉयस नोट्स दिए थे, जिसमें आरोप था कि सुले और पटोले ने चुनावों के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करने की बात की थी।
ईडी ने इस मामले में अप्रैल में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा की 98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। दंपति ने ईडी की कार्रवाई को चुनौती दी और बॉम्बे हाईकोर्ट से उन्हें राहत मिल गई।
भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि बिटक्वाइन घोटाले का उद्देश्य चुनावों में हेराफेरी करना है, जिससे चुनावों की निष्पक्षता और सत्यनिष्ठा पर सवाल खड़ा होता है। पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के लिए बिटकॉइन का दुरुपयोग किया था और इसका इस्तेमाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए किया। रवींद्रनाथ पाटिल ने कहा कि वह इस मामले की जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांच को संभालने वाली तत्कालीन पुलिस उपायुक्त भाग्यश्री नौटके भी बिटकॉइन के दुरुपयोग में शामिल थे, जिसका उपयोग आखिरकार दोनों नेताओं ने किया।
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