इस साल भारत में होना था क्वाड शिखर सम्मेलन, फिर अमेरिका क्यों कर रहा मेजबानी?
ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति अपने गृहनगर विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। इसमें आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा भी शामिल होंगे। इस साल क्वाड शिखर बैठक की मेजबानी करने की बारी भारत की थी, लेकिन अमेरिका के अनुरोध के बाद अब भारत अगले साल शिखर बैठक की मेजबानी करेगा।
वॉशिंगटन (आरएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 सितंबर से अमेरिका का तीन दिवसीय दौरा करेंगे। इस दौरान वे वार्षिक ‘क्वाड’ शिखर बैठक में शामिल होंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले वे 21 सितंबर को डेलवेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड लीडर्स समिट' में शामिल होंगे, जिसकी मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे।
ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति अपने गृहनगर विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। इसमें आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा भी शामिल होंगे। इस साल क्वाड शिखर बैठक की मेजबानी करने की बारी भारत की थी, लेकिन अमेरिका के अनुरोध के बाद अब भारत अगले साल शिखर बैठक की मेजबानी करेगा।
नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में ईस्ट एशिया और ओशिनिया की वरिष्ठ निदेशक मीरा रैप हूपर ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अगले साल क्वाड शिखर सम्मेलन भारत में होगा। जब हम इस साल के क्वाड शिखर सम्मेलन की योजना बना रहे थे, तो भारत को इसकी मेजबानी करनी थी, लेकिन जब हमने इन चारों नेताओं के कार्यक्रम देखे, तो हमें यह बात और भी स्पष्ट हो गई कि यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि वे मिलें और इन चर्चाओं के लिए उनके पास समय हो, इस सप्ताहांत अमेरिका में। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी ने हमारे साथ मेजबानी वर्ष बदलने पर सहमति जताई और हमें उम्मीद है कि अगले साल क्वाड के सभी चारों नेता भारत में मिलेंगे।
उन्होंने कहा, 'जब बात भारत से अपेक्षित भूमिका की आती है, तो हम उम्मीद करते हैं और वास्तव में क्वाड के भीतर भारत को एक नेता के रूप में देखते हैं। भारत की भूमिका के बारे में हम जिस तरह से सोचते हैं, उसका सबसे अच्छा सार हमारी इंडो-पैसिफिक रणनीति में समाहित है, जहां हम कहते हैं कि अमेरिका भारत की तलाश करता है, जो इस क्षेत्र में तेजी से अग्रणी बन रहा है और अमेरिका के साथ तेजी से भागीदार बन रहा है। क्वाड एक आदर्श स्थल रहा है, जिसके माध्यम से हम साथ मिलकर काम कर सकते हैं। यह हमें उन अवसरों और प्राथमिकताओं की पहचान करने की अनुमति देता है जो न केवल अमेरिका या उसके पारंपरिक सहयोगियों के लिए मायने रखते हैं जैसे कि आस्ट्रेलिया और जापान, लेकिन जो वास्तव में भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दरअसल, 2004 में हिंद महासागर में सुनामी आई थी। इसके तटीय देश काफी प्रभावित हुए थे। तब भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने मिलकर सुनामी प्रभावित देशों की मदद की। इसके बाद 2007 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने क्वाड (QUAD) यानी द क्वाड्रिलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग का गठन किया। क्वाड में चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत का एक समूह है। 2007 से 2010 के बीच हर साल क्वाड की बैठकें होती रहीं, लेकिन इसके बाद बंद हो गई। बताया जाता है कि तब चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर काफी दबाव डाला, जिसके बाद वह क्वाड से दूरियां बनाने लगा। हालांकि, 2017 में फिर से चारों देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने मिलकर क्वाड को मजबूत करने का फैसला लिया।
इस बार के अमेरिका दौरे पर पीएम मोदी 21 सितंबर को डेलवेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड लीडर्स समिट' में शामिल होंगे। पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 23 सितंबर को 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। इसमें विभिन्न देशों के नेता एक मंच पर आएंगे और इस बात पर नई अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाएंगे कि कैसे वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए। प्रधानमंत्री विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे। न्यूयॉर्क में पीएम मोदी दोनों देशों के बीच व्यापक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अग्रणी अमेरिकी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बातचीत भी करेंगे।
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