इस्राइल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत का रुख साफ
इस्राइल और फलस्तीन के मुद्दे पर भारत अपना रूख पहले ही साफ कर चुका है। ताजा घटनाक्रम में विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 27 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा के असाधारण विशेष सत्र में इस्राइल-फलस्तीन मुद्दे पर एक प्रस्ताव अपनाया गया था।
यरुशलम, (आरएनआई) इस्राइल और हमास के हिंसक संघर्ष के बीच विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने संयुक्त राष्ट्र में लाए गए एक प्रस्ताव की जानकारी दी है। दरअसल, इस्राइल के साथ हमास के संघर्ष के बीच फलस्तीन का मुद्दा भी बेहद अहम है। फलस्तीन को अलग देश के रूप में मान्यता देने की मांग लंबे समय से हो रही है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 अक्तूबर को पेश प्रस्ताव के बारे में सूत्रों ने बताया कि भारत का वोट इस मुद्दे पर देश की दृढ़ और सुसंगत स्थिति को दिखाता है।
सूत्रों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्राइल और फलस्तीन के मुद्दे पर भारत के वोट की व्याख्या इसे व्यापक और समग्र रूप से दोहराती है। सूत्र ने कहा कि आतंक के मुद्दे पर कोई गोलमोल बात नहीं हो सकती। प्रस्ताव में भारत ने हमास के आतंकवाद की साफ शब्दों में निंदा की बात कही। सात अक्तूबर को शुरू हुए हिंसक संघर्ष के बाद गाजा में फलस्तीनी लोगों की मदद के मुद्दे पर सूत्र ने कहा, भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने के प्रयासों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का स्वागत करता है। भारत ने भी इस प्रयास में योगदान दिया है।
विदेश मंत्रालय के सूत्र ने कहा, बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और इस्राइल हमास के संघर्ष में नागरिकों की मौत सिहरन पैदा करने वाली है। सूत्र ने कहा कि जान-माल के नुकसान से भारत बहुत चिंतित है। क्षेत्र में शत्रुता बढ़ने से मानवीय संकट और बढ़ेगा। सभी पक्षों को अत्यधिक जिम्मेदारी का परिचय देना जरूरी है।
सूत्र के मुताबिक भारत ने हमेशा इस्राइल-फलस्तीन मुद्दे पर बातचीत के जरिए 'दो-देश समाधान' का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय के सूत्र के अनुसार भारत सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर रहने वाले फलस्तीन को एक संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य देश के रूप में मान्यता देने का पक्षधर है। सूत्र के अनुसार, दो-देश समाधान को अपनाने से इस्राइल की सीमा पर शांति से रहा जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र में भारत का पक्ष उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने रखा।
पटेल ने कहा कि शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के विशेष सत्र में भारत का जोर "7 अक्तूबर को हमास के आतंकवादी हमलों की स्पष्ट निंदा" पर था। यूएनजीए ने शुक्रवार को गाजा में इस्राइली बलों और हमास आतंकवादियों के बीच "तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम" का आह्वान करते हुए एक प्रस्ताव अपनाया।
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