इस्राइल पर ईरान-हिज्बुल्ला के हमले का खतरा, अमेरिका ने पश्चिम एशिया में भेजी परमाणु पनडुब्बी
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उसकी एक ओहायो क्लास सबमरीन पांच नवंबर को ही कमान के जिम्मेदारी वाले इलाके में उतर चुकी है।
यरुशलम (आरएनआई) इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष को अब एक महीने पूरे होने वाले हैं। हालांकि, इस बीच दोनों तरफ से हमले जारी हैं। जहां इस्राइल में हमास के हमले में अब तक 1400 से ज्यादा की मौत हुई है, वहीं गाजा पट्टी में इस्राइली सेना के पलटवार में करीब 10 हजार की जान जा चुकी है। इस बीच इस्राइल पर लेबनान के ईरान समर्थित संगठन- हिजबुल्ला की तरफ से हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है। खुद ईरान भी कई मौकों पर इस्राइल को अंजाम भुगतने की चेतावनी दे चुका है। इन हालात के मद्देनजर अमेरिका ने एलान किया है कि उसने अपनी एक परमाणु पनडुब्बी पश्चिमी एशिया में उतार दी है।
अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि उसकी एक ओहायो क्लास सबमरीन पांच नवंबर को ही कमान के जिम्मेदारी वाले इलाके में उतर चुकी है। सेंट्रल कमांड ने इस पोस्ट में एक तस्वीर भी साझा की है, जिसमें सबमरीन को मिस्र के काहिरा में स्थित अल-सलाम ब्रिज के नीचे से गुजरते देखा जा सकता है।
सीएनएन के मुताबिक, पश्चिमी एशिया में गाइडेड मिसाइल सबमरीन भेजी गई है। माना जा रहा है कि अमेरिका अपने इस कदम के जरिए ईरान और उसके समर्थित संगठनों को इस्राइल-हमास संघर्ष में न कूदने की सीधी चेतावनी दे रहा है। गौरतलब है कि अमेरिक ने पहले ही कुछ युद्धपोतों को पश्चिमी एशिया भेजा है। इनमें दो कैरियर स्ट्राइक और एक समुद्री समूह शामिल है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च 2011 के बाद यह पहली बार है जब किसी गाइडेड मिसाइल सबमरीन को संघर्ष की स्थिति में उतारा गया हो। 2011 में गाइडेड मिसाइल सबमरीन यूएसएस फ्लोरिडा ने लीबिया में ऑपरेशन ओडीसी डॉन के दौरान लीबिया में कई टारगेट पर 100 से ज्यादा टॉमहॉक मिसाइलें दागी थीं।
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