इस्राइल का राफा पर हमला
हमले के बाद मिस्र ने इस्राइल के साथ किए गए दशकों पुराने शांति समझौते को खत्म कर सैन्य दखल की धमकी दी है। अन्तर्राष्ट्रीय संगठन संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने चिंता जाहिर की है।
तेल अवीव (आरएनआई) अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की चेतावनी को दरकिनार करते हुए इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को इस्राइली रक्षा बल आईडीएफ को रफाह पर हमले का आदेश दिया। इस हमले में रविवार से सोमवार शाम तक रफाह में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
हमले के बाद मिस्र ने इस्राइल के साथ किए गए दशकों पुराने शांति समझौते को खत्म कर सैन्य दखल की धमकी दी है। वहीं, अन्तर्राष्ट्रीय संगठन संयुक्त राष्ट्र और विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने चिंता जाहिर की है। इसपर डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि गाजा के लाखों लोगों के लिए रफाह आखिरी ठिकाना है।
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस ने सोमवार को इस्राइली पीएम नेतन्याहू से युद्धविराम की अपील करते हुए कहा कि रफाह पर इस्राइली हमलों के बाद गाजा के लोगों के पास अब सिर छिपाने के लिए कोई जगह नहीं बची है।
अगर इस्राइल यहां हमला करता है, तो 40 वर्ष पुराने उस शांति समझौते को तोड़ दिया जाएगा, जिसमें मिस्र ने इस्राइल के खिलाफ सैन्य दखल न करने का वादा किया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू से कहा था कि वे रफाह पर बिना सोचे समझे हमला नहीं करें। दूसरी तरफ नीदरलैंड की एक अदालत ने आदेश दिया है कि इस्राइल को एफ-35 के पार्ट्स मुहैया न कराए जाएं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क का कहना है कि गाजा में संभावित पूर्ण इस्राइली सैन्य घुसपैठ भयानक है, क्योंकि लगभग 1.5 मिलियन फलस्तीनियों के पास भागने के लिए कोई और जगह नहीं है। भारी तादाद में नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की संभावना है।
वोल्कर तुर्क ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के तत्काल युद्धविराम के आह्वान को दोहराते हुए दुनियाभर से ऐसा दोबारा नहीं होने देने का आग्रह किया। उन्होंने युद्ध के कानूनों का उल्लंघन करने वाली कार्रवाइयों के खिलाफ बार-बार चेतावनी दी और कहा कि राफा में इस्राइली सैन्य अभियान की संभावना परिस्थितियों के अनुसार और अधिक भयावह हो सकती है।
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