इमरान को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, पिछले साल नौ मई के दंगों से जुड़े 12 मामलों में पुलिस हिरासत रद्द
लाहौर उच्च न्यायालय ने एक आतंकवाद रोधी अदालत के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए पुलिस हिरासत की अनुमति दी गई थी।
इस्लामाबाद (आरएनआई) पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को पूर्व प्रधानंत्री इमरान खान को बड़ी राहत दी। अदालत ने पिछले साल 9 मई के दंगों से जुड़े 12 मामलों में उनकी पुलिस हिरासत रद्द की। खान करीब एक साल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं।
पंजाब पुलिस ने इमरान खान के लिए 10 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी। एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने 16 जुलाई को इसकी अनुमति दे थी। पिछले साल खान को एक भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उनके समर्थकों ने देश की कई महत्वपूर्ण इमारतों को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया था।
पंजाब पुलिस ने पिछले हफ्ते इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इद्दत मामले (गैर-इस्लामी विवाह) में बरी कर दिया गया था। लेकिन उसके तुरंत बाद उन्हें आतंकवाद से जुड़े 12 मामलों में गिरफ्तार किया गया। जिनमें लाहौर में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी पर हमले का मामला भी शामिल है। जिससे यह सुनिश्चित हो गया कि खान अदियाला जेल में ही रहें।
खान ने इन 12 आपराधिक मामलों में पुलिस हिरासत को चुनौती देते हुए 18 जुलाई को लाहौर उच्च न्यायालय का रुख किया था। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक ने दलील दी थी कि एटीसी के फैसले को अवैध करार दिया जाना चाहिए और उसे निरस्त किया जाना चाहिए और उनकी पुलिस हिरासत न्यायिक हिरासत में स्थानांतरित की जानी चाहिए।
अदालत के एक अधिकारी ने बताया, लाहौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यी पीठ ने पॉलीग्राफ, आवाज मिलान और अन्य जांच के लिए इमरान खान की हिरासत बढ़ाने के लिए पंजाब के महाभियोजक से पूछताछ की। पीठ ने पूछा कि संदिग्ध पहले से ही हिरासत में है तो उसकी हिरासत की जरूरत क्यों है?
अदालत ने पंजाब के महाभियोजक से इमरान खान की ट्रांसक्रिप्ट को पढ़ने को कहा, जिसके तहत पुलिस ने राज्य और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए जनता को उकसाने के लिए कई मामले दर्ज किए हैं। अदालत ने कहा, पुलिस हिरासत गंभीर मामला है। अगर आप कहते हैं कि लड़की, लड़की नहीं है, बल्कि लड़का है तो यह स्वीकार्य नहीं है।
अदालत के अधिकारी ने बताया कि लाहौर उच्च उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर इमरान खान हिंसक प्रदर्शन का नेतृत्व नहीं कर रहे थे, तो उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनाया जा सकता। इस पर महाभियोजक ने दलील दी कि खान ने लोगों को उकसाया। अदालत ने महाभियोजक और खान के वकील की दलीलों को सुनने के बाद पुलिस हिरासत की अनुमति देने वाले एटीसी के फैसले को रद्द किया और कहा कि वह इन मामलों में न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे।
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