आशा उषा बहनों पर एफआईआर से भड़के जयवर्धन बोले तानाशाह हो गए शिवराज
गुना। ग्वालियर में 8 आशा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करने पर प्रदेशभर में विरोध शुरु हो गया है। गुना में गुरुवार को आशा-ऊषा कार्यकर्ता और आशा पर्यवेक्षक संघ ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। वहीं शहर के दौरे पर आए पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने भी इस घटनाक्रम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार को अहंकारी भी बता दिया है।
आशा-ऊषा कार्यकर्ता और पर्यवेक्षक 35 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इन कार्यकर्ताओं ने ग्वालियर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने की इच्छा जताई थी और अधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री बातचीत किए बिना चले गए, जिसके विरोध में आशा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर की। आशा कार्यकर्ताओं के उग्र रवैये को देखते हुए ग्वालियर ने 8 कार्यकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके बाद मामला तूल पकड़ गया। गुना में ज्ञापन देने पहुंची संगठन की पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि पहले प्रशासन ने भीड़ एकत्रित कर प्रदेशभर से हजारों कार्यकर्ताओं को ग्वालियर बुलाया था। उन्हें उम्मीद जागी थी कि मुख्यमंत्री मुलाकात करेंगे। इसके विपरीत उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया, जो सरासर गलत है। संगठन ने लाडली बहना योजना का हवाला देते हुए सीएम से पूछा है कि एक तरफ कुछ महिलाओं को मुख्यमंत्री एक हजार रुपए दे रहे हैं, दूसरी ओर अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किए जा रहे हैं। इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए जयवर्धन सिंह ने कहा है कि अगर भाजपा को लगता है कि मुकद्दमे दर्ज करने से जनता की आवाज दब जाएगी, तो ऐसा नहीं है। जयवर्धन सिंह ने दावा किया है कि अगर कांग्रेस सरकार को मौका मिलता है तो वह आशा-ऊषा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं की पूरी की जाएंगी।
What's Your Reaction?