आरएनआई के रियलिटी चेक पर नेत्र सहायक की कुर्सी मिली खाली

खलबली मचने के बाद 10 मिनट में कुर्सी पर विराजमान हुई नेत्र सहायक

Mar 30, 2024 - 15:35
Mar 30, 2024 - 15:52
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आरएनआई के रियलिटी चेक पर नेत्र सहायक की कुर्सी मिली खाली
1:07 पर खाली पड़ी नेत्र सहायक की कुर्सी
आरएनआई के रियलिटी चेक पर नेत्र सहायक की कुर्सी मिली खाली

शाहाबाद हरदोई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहाबाद में अधिकारियों और डॉक्टरों की मनमानी के चलते यहां आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आर एन आई ने दोपहर के 1:07 पर जब रियलिटी चेक किया तो अजीबोगरीब मामला सामने आया। नेत्र सहायक के कमरे में और कमरे के बाहर बड़ी संख्या में मरीज लाइन लगाए हुए खड़े थे लेकिन नेत्र सहायक प्रीति वर्मा की कुर्सी खाली पड़ी हुई थी। जिसे आर एन आई ने अपने कमरे में कैद किया। आर एन आई का कैमरा चलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा । मात्र 10 मिनट के अंदर महिला स्वास्थ्य कर्मियों के फोन करने पर नेत्र सहायक प्रीति वर्मा अपने आवास से आकर कुर्सी पर विराजमान हो गई । इस 10 मिनट के अंतराल में आर एन आई टीम ने जब चिकित्सा अधीक्षक से नेत्र सहायक के मौजूद न होने के बारे में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया नेत्र सहायक प्रीति वर्मा दो दिन की छुट्टी पर हैं यानि शनिवार तक की छुट्टी है। लेकिन ठीक 10 मिनट बाद प्रीति वर्मा अपनी सीट पर विराजमान हो जाती हैं और अपना कार्य देखने लगती हैं। यह हास्यास्पद स्थिति है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहाबाद की है। चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रवीण दीक्षित अपने कर्मचारियों के बचाव में आखिर ऐसा वर्जन क्यों दे रहे हैं? दोपहर के 1:07 पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहाबाद में टीम प्रवेश करती है। सबसे पहले टीम ने नेत्र सहायक का रूम देखा। रूम में नेत्र सहायक प्रीति वर्मा की कुर्सी खाली थी। मरीज उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। टीम ने खाली कुर्सी को कैमरे में कैद किया। वहां मौजूद महिला स्वास्थ्य कर्मियों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया की मैडम अभी आ रही हैं। कमरे में खाली कुर्सी कैद होने पर खलबली मची। मैडम के पास फोन पहुंचा और मैडम 10 मिनट के अंदर अपने क्वार्टर से रूम में अपनी सीट पर अवतरित हो गयी । इसी बीच में टीम ने चिकित्सा अधीक्षक से नेत्र सहायक की खाली पड़ी कुर्सी के बारे में जब जानकारी मांगी तो चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रवीण दीक्षित ने बताया प्रीति मैडम दो दिन के लिए छुट्टी पर हैं। टीम ने नेत्र सहायक की खाली कुर्सी और नेत्र सहायक को कुर्सी पर बैठे हुए दोनों चित्रों को अपने कमरे में कैद किया और चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर प्रवीण दीक्षित से हुई वार्ता भी रिकॉर्ड की। नेत्र साहब की खाली कुर्सी और 10 मिनट में कुर्सी पर विराजमान होना तथा चिकित्सा अधीक्षक का नेत्र सहायक को छुट्टी पर बताना हास्य पद स्थिति पैदा करता है। स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक कर किस तरह से अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया जा रहा है, यह आर एन आई के रियलिटी चेक से सिद्ध हो रहा है। जिस अस्पताल का चिकित्सा अधीक्षक अपने कर्मचारियों को छुट्टी पर बता रहा हो वही कर्मचारी 10 मिनट बाद कुर्सी पर विराजमान होकर ड्यूटी करने लगे तो क्या उपस्थिति पंजिका में उसके हस्ताक्षर नहीं होंगे ? अगर उपस्थिति पंजिका पर उसके हस्ताक्षर नहीं है तो वह कुर्सी पर बैठकर ड्यूटी कैसे कर रही है? आखिर चिकित्सा अधीक्षक ने हमारी टीम को ऐसा जवाब क्यों दिया ? या चिकित्सा अधीक्षक ने जानबूझकर अपने लापरवाह कर्मचारी को बचाने के लिए यह जवाब दिया ? कुल मिलाकर नेत्र सहायक का दोपहर 1:07 तक कुर्सी से गायब रहना और रियलिटी चेक में खुद कुर्सी खाली कैमरे में कैद होने के बाद मात्र 10 मिनट के अंदर उपस्थित हो जाना फिर चिकित्सा अधीक्षक द्वारा कर्मचारियों को छुट्टी पर बताना आखिर क्या वजह है ? जो ऐसी हास्यास्पद स्थिति पैदा की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों और डॉक्टरों पर पहले से ही लापरवाही के तमाम आरोप लगाते रहे हैं और आज आर एन आई के रियलिटी चेक में भी लापरवाही सामने आई जिसमें चिकित्सा अधीक्षक ने अपने कर्मचारी का बचाव करना मुनासिब समझा। जबकि सरकार के दावे हैं कि उसने आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए डॉक्टर को समय से ड्यूटी करने और इमरजेंसी डॉक्टरों को 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दे रखे हैं। बावजूद इसके शाहाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी के दौरान यह तमाशा देखने को मिल रहा है।

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