आभाव में आभाव व प्रभाव में प्रभाव से विमुक्त रहे कर्मयोगी रामकिशोर त्रिपाठी : ओमप्रकाश पाण्डेय
कर्मयोगी पं रामकिशोर त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर सम्पन्न हुई भावांजलि
कादीपुर : ब्रह्मलीन कर्मयोगी स्वर्गीय पं रामकिशोर त्रिपाठी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित भावांजलि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए महाविद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय बजरंगी ने कहा कि पंण्डित जी विलक्षण प्रतिभा के धनी व सामाजिक सद्भाव की प्रतिमूर्ति रहे हैं। वे अपने आभाव के दिनों में भी कभी आभाव का प्रगटीकरण नहीं होने दिया और न ही प्रभाव के दिनों में कभी भी प्रभावों से आच्छादित रहे बल्कि सरल सरल व सब कर हित की संकल्पना के साथ ही जीवन के अन्तिम क्षणों तक अमिट छाप छोड़ कर गये हैं। अपने सम्बोधन में प्रो अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि समाजसेवा के प्रतिमूर्ति कर्मयोगी पं रामकिशोर त्रिपाठी जी जन्म 05 अप्रैल 1925 तद्नुसार चैत शुक्ल पक्ष रामनवमी तिथि संवत 1981 के ठठेरी बाजार चौक सुल्तानपुर के पंण्डित देवब्रत त्रिपाठी एवं अभिराजी देवी की कोंख में हुआ। पंण्डित जी ने अपने कर्तव्यपरायणता के आदर्श कार्य से शिक्षा जगत में अनूठी पहल करते हैं उच्च शिक्षा सहित कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर लोककल्याणकारी सद्कार्य से आने वाली पीढ़ियों के शैक्षिक विकास का मार्ग प्रशस्त किया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य प्रो इन्दुशेखर उपाध्याय ने बताया कि पंण्डित जी को अध्यात्मिक चेतना की धनाढ्यता के साथ साथ संनातन का संवाहक रहे हैं। पंण्डित जी बसुधैव कुटुम्बकम के सजग प्रहरी रहे हैं।
भावांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ सनातन संस्कृति के समरूप गायत्री परिवार के पुरोहितों के द्वारा विधिवत हवन पूजन यज्ञ से किया गया। जिसमें महाविद्यालय के प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय बजरंगी, प्रबन्धक सौरभ त्रिपाठी, प्रोफेसर अरविंद चतुर्वेदी आदि गणमान्य लोगों सहित महाविद्यालय परिवार के शिक्षकों कर्मचारियों व छात्र छात्राओं के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहूति प्रदान की गयी। तत्पश्चात संगीत विभागाध्यक्ष डॉ राकेश्वर मालवीय के नेतृत्व में छात्र छात्राओं के द्वारा पंण्डित जी के सम्मान व कार्यक्रम में आये हुए आगंतुकों के स्वागत में गीत प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट जनों का माल्यार्पण करने के साथ ही प्रबन्धक सौरभ त्रिपाठी, प्रो अरविंद चतुर्वेदी, आयकर अधिवक्ता संतोष सिंह, प्रसिद्ध शायर अजमल सुल्तानपुरी पौत्र तारिक अजमली के द्वारा प्रसिद्ध गजल "मुसलमां और हिन्दू की जांन, मैं उसको ढूंढ रहा हूं" की प्रस्तुति से श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। अन्त में प्राचार्य प्रो आर एन सिंह के द्वारा कार्यक्रम में शामिल सभी आगंतुकों के प्रति हार्दिक आभार ज्ञापित करते हैं कार्यक्रम की सम्पन्नता पर शुभकामना व्यक्त किया गया। संचालन डॉ सतीश सिंह के द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ गजेन्द्र नारायण मिश्रा, डॉ सुनील पाण्डेय,गौरव त्रिपाठी, प्रभुराज सिंह, आनन्द जायसवाल, पूर्व प्राचार्य डॉ अब्दुल रसीद, पूर्व प्राचार्य डॉ जितेन्द्र तिवारी, मनीष तिवारी, प्रो शैलेन्द्र पाण्डेय प्रो आदित्य नारायण त्रिपाठी, प्रो मदन मोहन सिंह, मथुरा प्रसाद सिंह जटायू डॉ जितेन्द्र कुमार उपाध्याय डॉ अशोक कुमार पाण्डेय, डॉ राजकुमार सिंह, डॉ यस बी सिंह, डॉ कीर्ति पाण्डेय डॉ अखिलेश यादव, डॉ सुरेन्द्र प्रताप तिवारी, संजय मिश्रा दीपक तिवारी संजय तिवारी डॉ अमृता सिंह रघुवंशी डॉ बन्दना मिश्रा सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक व कर्मचारी एवं बी एड/एम एंड के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
What's Your Reaction?