आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर दिल्ली भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर भाजपा भी महिला ब्रिगेड को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार करेगी क्योंकि महिला मुख्यमंत्री पर विपक्ष का वार उलटा सहानुभूति वाला पड़ सकता है।

Sep 18, 2024 - 09:00
 0  1.1k
आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर दिल्ली भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत

नई दिल्ली (आरएनआई) मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा और आतिशी को मुख्यमंत्री बनाने के दांव ने सभी को चौका दिया है। परिस्थितियां कमोबेश वैसी ही हैं, जैसी कुछ साल पहले थीं, जब भाजपा ने इसी तरह का पासा फेंका था। 1998 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पूर्व ही दिवंगत सुषमा स्वराज को भाजपा ने दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया था। उस दौरान प्याज की बढ़ी हुई कीमत की वजह से कांग्रेस की शीला दीक्षित की कमान में भाजपा की सियासी पारी खत्म हो गई और वह वनवास 26 साल बाद भी नहीं खत्म हो पाया है।

आतिशी की पारी से दिल्ली में एक बार फिर से सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी में इस बदलाव के बाद दिल्ली भाजपा में भी बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर भाजपा भी महिला ब्रिगेड को आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार करेगी क्योंकि महिला मुख्यमंत्री पर विपक्ष का वार उलटा सहानुभूति वाला पड़ सकता है। आप के इस कदम से कांग्रेस और भाजपा के लिए आधी आबादी को साधना आसान नहीं होगा। 

आम आदमी पार्टी भले ही अरविंद केजरीवाल के नाम पर विधानसभा चुनाव में उतरेगी लेकिन मुखौटा बतौर मुख्यमंत्री आतिशी ही रहेंगी। लिहाजा कयास लगाया जा रहा है कि इस साल का विधानसभा चुनाव भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के चेहरे की जगह किसी महिला नेता को मुख्यमंत्री का चेहरा पेश कर लड़े।

रणनीतिकारों की मानें तो दिल्ली में एक बार फिर से पुराना इतिहास दोहराया गया है। 26 साल पहले साहिब सिंह वर्मा के इस्तीफे के बाद सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया गया था। वहीं अब केजरीवाल के इस्तीफे और आतिशी को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर है। ऐसे में भाजपा फिलहाल तो वेट एंड वॉच की स्थिति में रहेगी लेकिन जिस तरह की घोषणा आम आदमी पार्टी की सरकार ने महिलाओं के हित के लिए की है मसलन डीटीसी बस में मुफ्त सफर, हर महिला को एक हजार रुपये का वजीफा, ऐसी स्थिति में भाजपा की भी मजबूरी होगी कि महिला ब्रिगेड को आतिशी के खिलाफ उतारे।

लोकसभा चुनाव में भी देखा गया कि भाजपा ने सात सीटों में दो सीट महिलाओं को दी। यह प्रयोग सफल भी रहा। बांसुरी स्वराज और कमलजीत सहरावत चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं। 1998 से लगातार चुनाव हार रही भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव जीतना केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी काफी अहम है।

भाजपा के लिए विधानसभा में भी जबरदस्त चुनौती मिलने की उम्मीद है। भाजपा विधायकों में एक भी महिला विधायक नहीं है। ऐसे में एक महिला मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ा करना बेहद मुश्किल होगा। महिला मुख्यमंत्री होने से भाजपा विधायक दल को विधानसभा में सत्र के दौरान दिक्कत हो सकती है। ऐसे में भाजपा को अपनी नीति में बदलाव कर आम आदमी पार्टी को कटघरे में खड़ा करना होगा।

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने पर अब कांग्रेस अपनी पिछली सरकार के विकास कार्यों को लेकर चुनाव में उतर सकती है। प्रदेश कांग्रेस मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में जितने भी विकास कार्य हुए, उसे गिनाने का प्रयास करेगी। दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस पार्टी आम आदमी पार्टी को विकास के मुद्दे पर घेरती भी रही है।

Follow     RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.