आतिशी की चिट्ठी पर विधानसभा स्पीकर का आया जवाब, विपक्ष को दी चेतावनी
दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा है। इसी बीच नेता विपक्ष आतिशी ने विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने कहा कि दिल्ली में बढ़ते अपराध को लेकर लॉ एंड ऑर्डर के सवालों से रोका गया। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने जवाब दिया है।

नई दिल्ली (आरएनआई) राजधानी दिल्ली में लगातार वारदातें सामने आ रही हैं। बढ़ते अपराध को लेकर नेता विपक्ष आतिशी ने विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष द्वारा लगाए गए लॉ एंड ऑर्डर के सवाल हटाए गए। इन आरोपों के बीच विधानसभा स्पीकर ने जवाब दिया है।
नेता विपक्ष आतिशी ने कहा कि दिल्ली में बलात्कार होगा, गोलियां चलेंगी तो क्या विधानसभा में इस पर बात नहीं होगी? डबल इंजन की सरकार फेल हो चुकी है, इसलिए चर्चा नहीं चाहती है। दिल्ली में बढ़ते अपराध को छुपाने की भाजपा सरकार की नाकाम कोशिश है। आगे कहा कि दिल्ली में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात का मुद्दा आप के विधायकों ने विधानसभा में उठाना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आप विधायकों को ऐसा करने से मना कर दिया।
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि कुछ सदस्यों द्वारा दिये गये विशेष उल्लेख के नोटिस को अनुमति नहीं देने के बारे में मेरे फैसले के संबंध में मुझे नेता प्रतिपक्ष आतिशी से एक पत्र मिला। मैं सदस्यों को बताना चाहता हूं कि सदन के सदस्यों को केवल उन विषयों पर प्रश्न पूछने चाहिए या चर्चा करनी चाहिए, जिनका मंत्री उत्तर दे सकते हैं या उन पर कोई कार्रवाई कर सकते हैं।
सदन में उठाए जाने वाले मामले के विषय को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष आरक्षित विषयों पर भी नोटिस की अनुमति केवल तब दे सकते हैं, जब उन्हें लगता है कि यह दिल्ली के लोगों को प्रभावित करने वाला बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण मामला है और जिस पर सदन को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। प्रतिपक्ष के जिन नोटिसों को मैंने स्वीकार नहीं किया था, वे महज सदन की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने और सदन में संगठित व्यवधान पैदा करने का प्रयास थे। मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।
आगे काह कि नेता प्रतिपक्ष का पत्र मिलने से पहले ही मुझे उनके पत्र के बारे में मीडिया से जानकारी मिल गई थी। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। विपक्षी सदस्यों की यह आदत बन गई है कि वे अपनी शिकायत मुझे बताने के बजाय सबसे पहले मीडिया के पास जाते हैं। मुझे प्रतिपक्ष के सदस्यों को यह चेतावनी देने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि वे ऐसा कोई कार्य न करें जो अध्यक्ष पद की गरिमा को ठेस पहुंचाता हो। मैं सदन में हमेशा स्वस्थ और लोकतांत्रिक बहस और चर्चा का स्वागत करूंगा लेकिन मैं ऐसी किसी भी चर्चा की अनुमति नहीं दूंगा, जिसका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना और मीडिया में अपने आपको महिमामंडित करने के लिए सदन का समय बर्बाद करना हो।
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