आज मनाई जा रही है अक्षय तृतीया
नई दिल्ली (आरएनआई) आज देश के अलग अलग हिस्सों में अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जा रहा है। अक्षय तृतीया, जिसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है, आमतौर पर इसे हिंदू और जैन धर्म में धूमधाम से मनाया जाता है। यह शुभ अवसर नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है। "अक्षय" शब्द का अर्थ स्वयं "अविनाशी" या "अमर" होता है। यह इस विश्वास को दर्शाता है कि इस दिन किए गए किसी भी कार्य को असीम सफलता और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में आइए इस लेख में जानते हैं कि अक्षय तृतीया का क्या महत्व है, इस साल इसका शुभ मुहूर्त कब है और साथ ही ये भी जानेंगे कि क्यों इस बहुत से लोग सोना खरीदते हैं?
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के तृतीय तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को लेकर लोगों में कई मान्यताएं हैं. जिनमें से सबसे प्रमुख मान्यता ये है कि इस दिन बिना पंचांग देखे किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य को किया जा सकता है। इस दिन धन योग के साथ रवि योग, शुक्रादित्य योग, मालव्य योग और भी कई शुभ योग बनते हैं। इसलिए इस राजयोग में मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है।
इस साल अक्षय तृतीया शुक्रवार, 10 मई 2024 को पड़ रहा है।
तृतीया तिथि का प्रारंभ - 10 मई 2024 को सुबह 4:17 बजे
तृतीया तिथि का समापन - 11 मई 2024 को रात 2:50 बजे
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त - सुबह 5:33 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
कुल अवधि - 6 घंटे 44 मिनट
अक्षय तृतीया की शुरुआत 10 मई को सुबह 4 बजकर 17 मिनट पर होगा. इसका समापन 11 मई को सुबह 2 बजकर 50 मिनट पर होगा. यही कारण है कि इस बार अक्षय तृतीया 10 मई को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा बहुत पुरानी है। लोग इस दिन सुनार की दुकान पर सोने के सिक्के, आभूषण खरीदते हैं या फिर सोने में निवेश करते हैं। पर सवाल है सोना ही क्यों? असल में सोना सिर्फ एक धातु नहीं बल्कि धन-दौलत का प्रतीक माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने से घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और धन का आगमन होता रहता है। चूंकि अक्षय तृतीया को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है, इसलिए इस दिन किया गया कोई भी निवेश अच्छा फल देता है। सोना खरीदने के लिए ये बहुत ही उपयुक्त दिन माना जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा चली आ रही है। यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा बन चुका है और त्योहार को मनाने का एक शुभ तरीका माना जाता है। भले ही अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने की परंपरा पुरानी है, लेकिन आजकल इसके मायने थोड़े बदल गए हैं। अब लोग इसे सिर्फ शुभ निवेश ही नहीं, बल्कि भविष्य के लिए आर्थिक सुरक्षा और महंगाई से बचने का तरीका भी समझते हैं।
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