‘असम में बाढ़ की समस्या को लेकर केंद्र गंभीर नही’, कांग्रेस ने कहा- PM को यहां की कोई परवाह नहीं
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि असम में आई बाढ़ और उसके समाधान के लिए केंद्र सरकार गंभीर नहीं है। कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा कि बाढ़ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कभी असम का दौरा नहीं किया है।
गुवाहाटी (आरएनआई) कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोरदोलोई ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार असम की बारहमासी बाढ़ और कटाव की समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर नहीं है। बोरदोलोई ने कहा, ‘पिछले कई दशकों में असम में यह सबसे भीषण बाढ़ है, लेकिन गृहमंत्री अमित शाह को अभी तक यही लगता है कि असम में बाढ़ जैसी स्थिति है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि असम में हर साल बाढ़ आती है और यहां लगभग 40 प्रतिशत भूमि को प्रभावित करती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाढ़ के दौरान कभी भी असम का दौरा नहीं किया। इससे पता चलता है कि वह वास्तव में हमारी कितनी परवाह करते हैं। वे केवल चुनाव के दौरान आते हैं और बड़े वादे करते हैं।
प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा कि असम के लिए कटाव और भी गंभीर समस्या है। हर साल लगभग 8,000 हेक्टेयर भूमि बह जाती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे प्राकृतिक आपदा मानने से इनकार कर दिया है। केंद्र सरकार बाढ़ और कटाव की हमारी दोहरी समस्याओं के समाधान के प्रति गंभीर नहीं है। वरना अमित शाह ‘इतना असंवेदनशील बयान हीं देते।
कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘’इस साल, असम दशकों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। लेकिन शाह ने कहा कि केवल ‘बाढ़ जैसी स्थिति' बनी हुई है।’ मैं इस तरह के बयान की कड़ी निंदा करता हूं।
बोरदोलोई ने कहा कि अगले संसद सत्र में मैं केंद्र से बाढ़ और कटाव को संविधान की समवर्ती सूची में शामिल करने की मांग करूंगा।
असम में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही और आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। हालांकि राहत की बात ये है कि अब कई इलाकों में जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। गुवाहाटी में भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने बताया कि असम के अधिकांश स्थानों पर मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कोकराझार जिले में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। ऐसे में हालात और बिगड़ने की आशंका है।
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