अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें, यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराये जाने पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

गुना (आरएनआई) गुना जिले में शासकीय, अशासकीय विद्यालय संचालित है, इनमें अशासकीय स्कूलों/शैक्षणिक संस्थाओं में काफी बड़ी संख्या में विद्यार्थी अध्ययनरत है। शिक्षण सत्र प्रारंभ होने पर कई अशासकीय शैक्षणिक संस्थाओं के प्रबंधन द्वारा शाला में पढ़ने वाले विद्यार्थियो को उनके द्वारा बताई गई विशेष दुकान से ही पाठ्य-पुस्तकें, यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री क्रय करने के लिये बाध्य किया जाता है तथा कई स्कूलों में स्वयं स्कूल प्रबंधन द्वारा पुस्तकें एवं यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराई जाने के संबंध में भी जानकारी प्राप्त होती है।
इसे दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट किशोर कुमार कन्याल द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए जन सामान्य के हित में समस्त अशासकीय विद्यालयों में पुस्तकें एवं यूनीफार्म तथा अन्य सामग्री विक्रय कराये जाने पर अंकुश लगाये जाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गये हैं-
गुना जिले में संचालित समस्त अशासकीय विद्यालय, जो माध्यमिक शिक्षा मण्डल/केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अथवा आई.सी.एस.ई. बोर्ड से सम्बद्ध हैं। इन समस्त विद्यालयों को मध्य प्रदेश राजपत्र असाधारण दिनांक 02 दिसम्बर 2020 स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल में उल्लेखित निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा। सभी अशासकीय विद्यालयों के लिये यह अनिवार्य है कि वे आगामी शिक्षण सत्र प्रारंभ होने के पूर्व लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ कक्षावार पुस्तकों की सूची विद्यालय के सूचना पटल पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों को ऐसी सूची मांगने पर उपलब्ध कराई जाना चाहिए, ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा अनुसार खुले बाजार से क्रय कर सकें। प्रत्येक स्कूल प्रबंधक प्राचार्य अपने स्कूल में प्रत्येक कक्षा में लगने वाली पाठ्य पुस्तकों तथा प्रकाशक की जानकारी को वेबसाइट E-Mail ID deoguna-mp@nic.in पर दिनांक 25 मार्च 2025 तक अनिवार्यतः प्रेषित करेंगे एवं एक हार्डकापी जिला शिक्षा अधिकारी जिला गुना के कार्यालय में जमा करायेगें।
किसी भी प्रकार की शिक्षण सामग्री पर विद्यालय का नाम अंकित नहीं होना चाहिये। विद्यालय के सूचना पटल पर यह भी अंकित किया जावे कि किसी दुकान विशेष से सामग्री क्रय करने की बाध्यता नहीं है। कहीं से भी पुस्तकें/ यूनिफार्म व अन्य आवश्यक सामग्री क्रय की जा सकती है।
पुस्तकों के अतिरिक्त शालाओं द्वारा यूनीफार्म, टाई, जूते, कॉपियों आदि भी उन्हीं की शालाओं से उपलब्ध/ विक्रय कराने का प्रयास नहीं किया जावेगा। विद्यालय के गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगा। विद्यालय की स्टेशनरी/ यूनिफार्म पर विद्यालय का नाम प्रिन्ट करवाकर दुकानों से क्रय करने अथवा एक विशिष्ट दुकान से यूनिफार्म/ पाठ्य पुस्तके बेचना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
विद्यालय द्वारा उनके यहां संचालित कक्षाओं में पढा़ई जाने वाली पुस्तकें, बिना पाठ्यक्रम परिवर्तन हुये विगत वर्ष की प्रचलित पुस्तकों एवं प्रकाशकों को परिवर्तित कर प्रतिवर्ष उनके स्थान पर मंहगी पुस्तकें खरीदने के लिए पालकों पर दबाव बनाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। निजी विद्यालय प्रबंधन, परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करेगा।
प्रत्येक विद्यालय में कक्षाओं में प्रवेश की प्रक्रिया एवं प्रवेश किस दिनांक से दिनांक तक होंगे की सूचना का प्रचार-प्रसार करना अनिवार्य होगा। जिससे पालकों एवं प्रवेश कराने वाले पालकों तक सूचना प्राप्त हो सकें। संबंधित क्षेत्र के उप खण्ड मजिस्ट्रेट, एवं जिला शिक्षा अधिकारी इस आदेश का पालन सुनिश्चित करायेंगे।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अन्तर्गत यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया गया है। उक्त आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223, तथा अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से दिनांक 13 मार्च 2025 से 12 मई 2025 तक की अवधि के लिए प्रभावशील रहेगा।
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