अरुणाचल के दो युवक दो साल से लापता, आखिरी बार चीन सीमा पर देखा गया था
अरुणाचल प्रदेश के दो युवक बेटिलम टिकरो और बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त 2022 को जड़ी- बूटी की तलाश में अंजॉ के चगलगाम के लिए रवाना हुए थे। तबसे वह लापता हैं।
इटानगर (आरएनआई) चीन सीमा के नजदीक से अरुणाचल प्रदेश के लापता हुए दो युवकों का अब तक पता नहीं चल पाया है। युवकों का पता लगाने के लिए दो साल से तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, मगर फिर भी निराशा ही हाथ लगी है। हालांकि, माना जाता है कि दोनों युवक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की हिरासत में हैं, लेकिन चीन ने अबतक दोनों की अपने क्षेत्र में होने की बात को स्वीकार नहीं की है।
अरुणाचल प्रदेश के दो युवक 33 साल के बेटिलम टिकरो और 35 वर्षिय बेइंग्सो मन्यु 19 अगस्त 2022 को औषधीय पौधों ( जड़ी- बूटी) की तलाश में अंजॉ के चगलगाम के लिए रवाना हुए थे। मगर वह वहां पहुंचे ही नहीं और न अपने घर वापस आए। उन्हें आखिरी बार 24 अगस्त को देखा गया था, उसके बाद से उनके बारे में कोई खबर नहीं मिली। परिजनों ने काफी तलाश करने के बाद नौ अक्तूबर को शिकायत दी थी।
टिकरो के भाई दिशांसो चिकरो ने फोन पर पीटीआई को बताया कि उन्हें पता चला है कि उनके भाइयों को चीनी सेना ने हिरासत में ले लिया है। उन्होंने अपने भाइयों के बारे में जानकारी मांगने के लिए कई बार स्थानीय सेना के अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर उनसे कहा गया कि भारतीय सेना ने अपने चीनी समकक्षों के साथ इस मुद्दे को उठाया है। मगर अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
अंजॉ विधायक और राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री दसांगलू पुल ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों चीन से सटी सीमा पर जड़ी बूटियों की तलाश में गए थे, तभी से लापता हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि चीन ने अभी तक यह स्वीकार नहीं किया है कि दोनों युवक उनकी हिरासत में हैं। मगर मुझे जानकारी मिली है कि वे अब भी जिंदा हैं।
टिकरो के भाई चिकरो ने दो साल पहले नौ अक्तूबर को हायुलियांग पुलिस स्टेशन में लापता व्यक्तियों की दो शिकायतें दी थीं। शिकायत में कहा गया है कि कुछ गांव के लोगों ने उन दोनों को आखिरी बार 24 अगस्त 2022 में चीन की सीमा के पास देखा, लेकिन तब से उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
आधारकार्ड के अनुसार, टिकरो डोइलियांग का रहने वाले हैं और मन्यु अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के मनयू चिपरोगम के रहने वाले हैं। टिकरो की शादी नहीं हुई है, जबकि मन्यु शादीशुदा है और दो छोटे बच्चों के पिता भी हैं।
अंजॉ जिला जिला परिषद के अध्यक्ष सोबलम पुल ने कहा कि उन्हें पता चला है कि स्थानीय सेना के अधिकारियों ने सीमा पर हुई फ्लैग मीटिंग में चीनी सेना के सामने इन दो व्यक्तियों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता कि फ्लैग मीटिंग में चीन की क्या प्रतिक्रिया थी। युवकों के माता-पिता हमसे बार-बार मदद की गुहार लगाते हैं, लेकिन हम अभी तक असहाय हैं। हमें उम्मीद है कि वे सुरक्षित और जल्द ही घर लौट आएंगे।'
यह पहली बार नहीं है, जब चीन ने ऐसा कुछ किया है। इससे पहले सितंबर 2020 में भी पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक हफ्ते बाद उन्हें रिहा किया था। गौरतलब है कि भारत लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ 3,400 किलोमीटर लंबी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) साझा करता है। अरुणाचल प्रदेश की 1,080 किमी लंबी सीमा चीन से लगी है। इसके अलावा 520 किमी लंबी सीमा म्यांमार और 217 किमी लंबी सीमा भूटान से भी लगी है।
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