अमित शाह को घेरने के लिए कांग्रेस ने बनाई खास रणनीति; देशभर में निकालेगी 'आंबेडकर सम्मान मार्च'
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा है। वे कहते हैं कि संविधान भारतीय नहीं है, वे संविधान की नहीं, मनुस्मृति की बात करते हैं। संविधान का अपमान करने वाले लोग कांग्रेस पार्टी से माफी मांग रहे हैं।
नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरने की कोशिशें तेज कर दी हैं। संसद के शीतकालीन सत्र में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर को लेकर की गई शाह कर टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पहले से ही भाजपा पर हमलावर है। अब पार्टी ने 26 जनवरी 2025 तक अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस हमले को तेज करने की नई रणनीति तैयार कर ली है। इसके तहत पार्टी देश में हर जिले के कलेक्ट्रेट ऑफिस की ओर मार्च निकालेगी। इसके अलावा पार्टी एक विशाल रैली भी आयोजित करेगी।
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस ने वर्तमान समय में संविधान की प्रासंगिकता के कारण संसद में इस पर चर्चा की मांग की थी। भाजपा ने कांग्रेस नेताओं का अपमान करने की कोशिश की। संसद में अमित शाह के बयान से सभी आहत हैं। अब तक अमित शाह या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए माफी मांगने की कोशिश नहीं की। कांग्रेस ने इस मुद्दे को पूरे देश में उठाने का फैसला किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सभी निर्वाचन क्षेत्रों में प्रेस वार्ता करेंगे। 24 तारीख को कांग्रेस कार्यकर्ता सभी जिला कलेक्ट्रेट तक 'आंबेडकर सम्मान मार्च' निकालेंगे और कलेक्टरों को नोटिस देकर अमित शाह के इस्तीफे की मांग करेंगे। 27 दिसंबर को बेलगावी में एक विशाल रैली निकाली जाएगी। यह अभियान 26 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा।
संसद में अमित शाह के भाषण पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह संविधान पर हमला है, संविधान के संस्थापक पिता पर हमला है। जिस तरह से अमित शाह ने आंबेडकर के खिलाफ बयान दिया है, वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हम इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बयान पर वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने भारत का इतिहास नहीं पढ़ा है। वे कहते हैं कि संविधान भारतीय नहीं है, वे संविधान की नहीं, मनुस्मृति की बात करते हैं। संविधान का अपमान करने वाले लोग कांग्रेस पार्टी से माफी मांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद हमने भारत के चुनाव आयोग से अंतिम मतदाता सूची मांगी थी। इसे देना अनिवार्य है, लेकिन उन्होंने हमें नहीं दिया। इसके बाद हम हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट ने उन्हें पार्टियों को पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने के बजाय नियमों में संशोधन कर दिया। चुनाव आयोग और चुनावी प्रक्रिया में कुछ हो रहा है। क्या कारण है कि उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को मुख्य चुनाव आयुक्त चुनने वाले पैनल से हटा दिया? ये बहुत स्पष्ट सबूत हैं कि वे चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाल रहे हैं और चुनावी मतदाता सूची को हाईजैक कर रहे हैं, जिसके खिलाफ हम कानूनी रूप से लड़ने जा रहे हैं।
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